Delhi Kanjhawala Accident: पिता की मौत के बाद परिवार को संभाला, ब्यूटीशियन बनने का था सपना, कुछ ऐसी थी अंजलि की जिंदगी
मां ने जब काम करना बंद कर दिया तो अंजलि ने ब्यूटी पार्लर में नौकरी कर ली. जब उसकी वहां नौकरी छूट गई तो उसने कार्यक्रमों और शादियों में भाग लेना शुरू किया.
Delhi Girl Dragged Case: दिल्ली के सुल्तानपुरी के कंझावला इलाके में 31 दिसंबर और 1 जनवरी की रात जो कुछ हुआ उसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया. बलेनो कार ने एक स्कूटी को टक्कर मार दी और उस पर सवार अंजलि नाम की लड़की की हादसे में मौत हो गई. शव को करीब 12 किलोमीटर तक कार से घसीटा तक गया. पुलिस ने मामले में बलेनो सवार पांच लोगों को रविवार को गिरफ्तार किया. हादसे में जान गंवाने वाली अंजलि का परिवार सदमे में है.
इस हादसे को लेकर अब तक काफी कुछ सामने आ गया है, लेकिन बहुत से लोग उस परिवार के दुख से अभी भी अंजान हैं, जिनकी बेटी ही उनकी एकमात्र आसरा थी. 'द प्रिंट' में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, अंजलि का सपना था कि वो एक कामयाब ब्यूटीशियन बने और खुद का पार्लर खोले. वो अपनी बीमार मां और तीन छोटे भाई-बहनों के लिए कमाई का इकलौता जरिया थी. अंजली को इंस्टाग्राम रील्स बनाना और ड्रेस अप करना बहुत पसंद था.
अंजलि के परिवार और दोस्तों ने बताया कि नौकरी छूटने के बाद उसे कार्यक्रमों (Events) में काम करने के लिए मजबूर किया गया था. उसकी आय स्थिर नहीं थी. किसी दिन वह अपनी मां को 500 रुपये का एक नोट देती थी और कभी-कभी वो 2,000 रुपये भी दे देती थी. परिवार इन्हीं पैसों से किसी तरह गुजारा करता था.
पिता की मौत के बाद परिवार को संभाला...
अंजलि के पिता की मृत्यु लगभग आठ साल पहले संपत्ति विवाद में परिवार के किसी अन्य सदस्य द्वारा कथित तौर पर हमला करने के बाद हो गई थी. उनकी मां रेखा एक स्कूल में काम करती थीं, लेकिन लॉकडाउन और किडनी से जुड़ी बीमारियों ने आय के उस स्रोत को बंद कर दिया. अंजलि की दो बहनें थीं, एक बड़ी और एक छोटी, दोनों की शादी हो चुकी है और दो छोटे भाई हैं.
मां के बाद अंजलि ने संभाली घर की सारी जिम्मेदारियां
परिवार करीब पांच साल पहले खरीदे गए तीन कमरों के सेट में रहता था. मां ने जब काम करना बंद कर दिया तो अंजलि ने ब्यूटी पार्लर में नौकरी कर ली. जब उसकी वहां नौकरी छूट गई तो उसने कार्यक्रमों और शादियों में भाग लेना शुरू किया. लॉकडाउन ने अंजलि के जीवन के विकल्पों को कम कर दिया. वह जल्दी कमाई का जरिया ढूंढ़ती रही और एक दिन किसी ने उसे इन आयोजनों से जोड़ दिया.
'कभी देर रात तो कभी अगले दिन लौटती थी'
अंजलि की मां ने बताया, "वह कभी-कभी दिन के दौरान सुबह जल्दी चली जाती और रात को लौट आती थी. कभी-कभी वह अगले दिन वापस आ जाती थी. हम बहुत अधिक प्रश्न नहीं पूछते हैं. उस दिन उसने कहा कि वह एक पार्टी में जा रही है. रात करीब 9 बजे मैंने उसे दो बार फोन किया. आखिरी बार हमने बात की थी. उसने मुझे रात का खाना खाने और सोने के लिए कहा और कहा कि वह अगले दिन वापस आएगी."
'वो हर चीज का ध्यान रखती थी'
अंजलि की मौसी अनु कुमारी ने कहा, "वह पूरे परिवार को आर्थिक रूप से संभाल रही थी. वह केवल कक्षा 9 तक ही पढ़ सकी. उसे पढ़ाई छोड़नी पड़ी क्योंकि परिवार की देखभाल करने वाला कोई और नहीं था. उनकी छोटी बहन अंशिका के लिए यह उनकी पढ़ाई का आखिरी पड़ाव था. उन्होंने कहा, "वो हर चीज का ध्यान रखती थी… त्योहारों पर हमारे लिए उपहार लेकर आती थी. उसने सारी जिम्मेदारियां संभाल ली थीं."