Delhi Girl Dragged Case: कंझावला मामले में सोमवार (9 जनवरी) को सभी 6 आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया. इसके बाद कोर्ट ने सभी को आरोपियों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. उधर पुलिस ने कोर्ट को बताया कि उसे इस केस से जुड़े 6 नए सीसीटीवी फुटेज मिले हैं. 


पुलिस ने कोर्ट में कहा, "सीसीटीवी फुटेज में नजर आया कि एक्सीडेंट होने के बाद थोड़ी दूर पर ही गाड़ी रुकती है और उससे 2 लोग नीचे उतरत हैं. वे गाड़ी के नीचे देखते हैं और फिर गाड़ी में बैठ जाते हैं. आरोपी गाड़ी को भगा देते हैं."


'2 लोगों ने गाड़ी से उतर कर देखा था'


पुलिस के मुताबिक, आरोपियों को एक्सीडेंट के 200-300 मीटर के अंदर अंजलि के फंसे होने का पता चल गया था, उसके बाद भी उसे 12 किमी से ज्यादा घसीट दिया जाता है. पुलिस ने कोर्ट को बताया कि जिन 2 लोगों ने गाड़ी से उतर कर देखा था, उन लोगों की भी पहचान हो गई है. हालांकि पुलिस ने कोर्ट में उन दोनों के नाम नहीं बताए. जज ने उनके नाम पूछे तो पुलिस ने कहा, "पहचान कर लिया है पर खुले में नाम बताना सही नहीं है."


'सारे CCTV फुटेज जब्त क्यों नहीं हुए?'


पुलिस ने कोर्ट से कहा, "इनको आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की. इनसे पूछताछ के दौरान एक और गवाह का पता चला. घटना से 100 मी पहले इस गवाह ने इनको देखा था." इस पर कोर्ट ने कहा, "अभी इनकी tip होनी है लिहाज़ा इनकी पहचान को छुपा कर रखा जाए." कोर्ट ने पुलिस से पूछा कि इस मामले में अभी तक कितने गवाहों के बयान दर्ज हुए हैं? इस पर पुलिस ने बताया कि 14. कोर्ट ने पूछा, "एक बार में ही सारे CCTV फुटेज जब्त क्यों नहीं हुए?"


कोर्ट ने पूछा- पूरे रूट पर कितने CCTV?


कोर्ट ने कहा, "आखिर एक बार में सारे सीसीटीवी फुटेज क्यों नहीं आते? इतने दिनों बाद भी सीसीटीवी फुटेज आ रहे हैं, एक बार में ये क्यों नहीं हासिल किया गया?" कोर्ट ने पूछा, "पूरे रूट पर कितने सरकारी सीसीटीवी कैमरे थे? क्या सबकी फुटेज ले ली गई?" कोर्ट ने इस केस में दीपक नाम के आरोपी की भूमिका पर भी पुलिस का जवाब मांगा. कोर्ट ने पूछा, "दीपक का क्या रोल है?"


आशुतोष के वकील ने जमानत मांगी


कोर्ट में आशुतोष के वकील ने जमानत याचिका लगाई. उसने कहा, "मेरी गलती सिर्फ इतनी है कि मैंने पुलिस को बिना बताए गाड़ी पार्क कर दी." वहीं पुलिस ने जमानत का विरोध किया. पुलिस ने कहा, "इसके रोल कि जांच जारी है. जरूरत हुई तो अगले कुछ दिनों में फिर हिरासत में ले सकते हैं. पुलिस ने सभी आरोपियों को न्यायिक हिरास्त में भेजने की मांग की." जिस पर कोर्ट ने सभी को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया.


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