AAP Vs Congress: कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने दिल्ली के आम आदमी मोहल्ला क्लीनिक का दौरा किया. लेकिन उनका ये दौरा अचानक से राजनीतिक अखाड़े के में तब्दील हो गया. दरअसल, शुक्रवार को कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव केजरीवाल सरकार के मोहल्ला क्लीनिक देखने आए. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज के साथ उन्होंने शाहपुर जाट स्थित पंचशील पार्क में स्थापित मोहल्ला का दौरा कर जायजा लिया और मोहल्ला क्लीनिक के मॉडल को समझा.
मंत्री दिनेश राव ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक मॉडल को देखकर हम कर्नाटक के क्लीनिक में क्या बदलाव कर सकते हैं? यही देखने आए हैं. मीडिया से बातचीत में पहले उन्होंने मोहल्ला क्लीनिक की तारीफ की.
'स्वास्थ्य महत्वपूर्ण क्षेत्र है, हमें एक-दूसरे से सीखने की जरूरत'
इस दौरान उन्होंने कहा कि आज दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज के साथ एक मोहल्ला क्लिनिक का दौरा किया. मैं देखना चाहता था कि दिल्ली सरकार अपनी स्वास्थ्य नीतियों को कैसे लागू कर रही है. मैंने देखा कि मोहल्ला क्लीनिक बहुत अच्छे से काम कर रहा है. मोहल्ला क्लीनिक पिछले 6-7 साल से चल रहे हैं और लोगों ने इसकी सराहना भी की है. इस दौरे से मैंने कुछ चीजें सीखी हैं. मैं कर्नाटक जाकर देखूंगा कि हम मोहल्ला क्लीनिक से कैसे सीख सकते हैं और अपने सिस्टम में सुधार कर सकते हैं. स्वास्थ्य बहुत महत्वपूर्ण क्षेत्र है और हम सभी को एक-दूसरे से सीखने की जरूरत है.
लेकिन अभी मामला यहीं नहीं थमा इसके थोड़ी देर बाद ही कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री का एक ट्वीट सामने आया जिसमें उनके विचार पूरा तरह बदले-बदले नज़र आये. दरअसल कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने ट्वीट कर लिखा कि दिल्ली में एक मोहल्ला क्लीनिक का दौरा किया, जहां बहुत कम लोग थे. कर्नाटक में हमारे क्लीनिकों में मरीजों के लिए तत्काल परीक्षण करने के लिए प्रयोगशाला सहित अधिक सुविधाएं हैं. मुझे लगता है कि इसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है और मैं निराश होकर वापस आया हूँ.
विपरीत बयान आने पर क्या बोली दिल्ली सरकार?
इस बयान के बाद से मानो खलबली सी मच गयी हो. इस पर दिल्ली सरकार की तरफ से भी एक बयान सामने आया जिसमें सरकार ने कहा कि मोहल्ला क्लीनिक विजिट करने के थोड़ी देर बाद स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव के पास एक फोन आया. इसके बाद उन्होंने एक जरूरी मीटिंग की बात कह कर वहां से चले गए.
इसके कुछ देर बाद उन्होंने मोहल्ला क्लीनिक की बुराई करते हुए एक ट्वीट किया. अब इस स्थिति में कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश राव ही बता सकते हैं कि उनके पास किसका फोन आया था और फोन आने के बाद मोहल्ला क्लीनिक की तारीफ करने के बाद उनका बयान बदल कर बुराई की तरफ क्यों चला गया? हालांकि उन्होंने अपने ट्वीट में कर्नाटक के नम्मा क्लीनिक को बेहतर होने का दावा किया है. इसकी सच्चाई जानने के लिए आम आदमी पार्टी की कर्नाटक टीम ने उन्हीं के विधानसभा क्षेत्र में स्थित एक नम्मा क्लीनिक का दौरा किया.
'आप ने कर दी नम्मा क्लीनिक की बुराई'
AAP की कर्नाटक टीम का कहना है कि उसने स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव के विधानसभा क्षेत्र गांधीनगर में स्थापित नम्मा क्लीनिक का दौरा किया. यह क्लीनिक वार्ड नंबर 94 में स्थित है. AAP की कर्नाटक टीम ने पाया कि नम्मा क्लीनिक और प्राइमरी हेल्थ सेंटर दोनों के बोर्ड पास-पास ही लगे मिले. वहां के लोगों से बातचीत में पता चला कि प्राइमरी हेल्थ सेंटर लंबे समय से बंद है.
नम्मा क्लीनिक सिर्फ नाम का ही है. इसे भाजपा सरकार ने शुरू किया था. इस क्लीनिक में बुखार जैसी कुछ बीमारियों का ही प्राथमिक उपचार किया जाता है. यहां से मरीजों को केसी जनरल हॉस्पिटल समेत अन्य अस्पतालों में रेफर कर दिया जाता है. यहां केवल बुखार की डोलो समेत कुछ दवाइयां ही दी जाती है. इस पर दिल्ली सरकार ने कहा कि नम्मा क्लीनिक की तुलना दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक से करना बेमानी है.
दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक बहुत ही शानदार बने हुए हैं और सारा इलाज मुफ्त किया जाता है. दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिकों में दर्जनों टेस्ट बिल्कुल मुफ्त किए जाते हैं. मोहल्ला क्लीनिकों में एमबीबीएस डॉक्टर बैठते हैं और कई बीमारियों की दवाएं उपलब्ध हैं.
AAP की कर्नाटक टीम का कहना है कि यह बहुत ही दुर्भाग्य की बात है कि कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक में उपलब्ध विश्वस्तरीय सुविधाओं को देखा. इसके बाद उन्होंने ट्वीट कर कर्नाटक के नम्मा क्लीनिक को मोहल्ला क्लीनिक से बेहतर होने का दावा किया.
आम आदमी पार्टी स्वास्थ्य मंत्री दिनेश राव से कहना चाहती है कि आप अपने विधानसभा क्षेत्र के वार्ड 94 स्थित नम्मा क्लीनिक में आएं और जांच करें कि यहां लोगों को कितनी अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं दी जा रही हैं. नम्मा क्लीनिक में गंदगी का अंबार लगा हुआ है. जबकि नम्मा क्लीनिकों की एक प्राइवेट एजेंसी देखरेख करती है. स्वास्थ्य मंत्री का यह भी दावा झूठा है कि नम्मा क्लीनिक का इंफ्रास्ट्रक्चर मोहल्ला क्लीनिक से बेहतर है. यहां अच्छी सुविधाओं का भी अभाव है.
इस तनातनी का क्या असर होगा?
दिल्ली सरकार और कर्नाटक सरकार के बीच ये तनातनी तब देखने को मिल रही है जब कांग्रेस और AAP के बीच गठबंधन है. विपक्षी दलों को मिलाकर बने INDIA में दोनों की ही अहम भूमिका है. इस घटना ने एक बार फिर ये साफ कर दिया कि भले ही दोनों पार्टियों के आला कमान ने हाथ मिला लिए हो.
राज्य स्तर पर दोनों ही पार्टीयां अब भी एक दूसरे की दुश्मन बनी हुई है. जिसका फायदा आने वाले समय NDA को मिल सकता है. अब सवाल ये भी खड़ा हो गया है कि 2024 के चुनाव से पहले क्या AAP और कांग्रेस कैसे गठबंधन कर पाएंगी?