नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट-2014 की घोषणा करते हुए कहा कि सरकार सड़क पर सामान बेचने वालों और फेरीवालों को वैध करेगी. केजरीवाल ने दावा किया कि दिल्ली यह एक्ट लागू करने वाला पहला राज्य होगा. उन्होंने कहा कि सड़क पर सामान बेचने वालों को राष्ट्रीय राजधानी में सुरक्षा भी प्रदान की जाएगी. केजरीवाल ने कहा, "दिल्ली इस अधिनियम को लागू करने वाला पहला राज्य बन जाएगा. इसके तहत 28 नगर वेंडिंग समितियों का गठन किया गया है और एक अधिसूचना जारी की गई है. समितियों का चुनाव भी हो चुका है."


प्रत्येक समिति में 30 सदस्य होंगे. उनकी टीम के रूप में 12 विक्रेता या फेरीवाले, जबकि बाकी सदस्य अधिकारी, टाउन प्लानर, पुलिस एवं ट्रैफिक पुलिस, आरडब्ल्यूए और मार्केट एसोसिएशन के साथ ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी होंगे.


केजरीवाल ने कहा कि एमसीडी और अन्य विभागों को अपने संबंधित टाउन वेंडिंग कमेटियों के माध्यम से विक्रेताओं का एक सर्वेक्षण करने के लिए कहा गया है.


सर्वे पूरा होने के बाद स्ट्रीट वेंडर्स को सर्टिफिकेट दिया जाएगा और उसके बाद लाइसेंस जारी किए जाएंगे.


केजरीवाल ने कहा, "लाइसेंस में मालिक का नाम, पता और वेंडिंग की जगह होगी. यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वे किसी के द्वारा परेशान न हों."


उन्होंने कहा कि पहले सड़क विक्रेताओं को पुलिस और अन्य निकायों द्वारा परेशान करके हुए जबरन हटा दिया जाता था. केजरीवाल ने कहा, "अब विक्रेताओं को लाइसेंस प्रदान किए जाएंगे, जिससे उनसे जबरन वसूली और उत्पीड़न समाप्त हो सकेगा."


स्ट्रीट वेंडर्स अधिनियम 2014 में पारित किया गया था. इसमें सार्वजनिक क्षेत्रों में सड़क पर सामान बेचने वालों को विनियमित करने और उनके अधिकारों की रक्षा करना निहित है. इसे 2012 में लोकसभा में तत्कालीन केंद्रीय आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्री कुमारी शैलजा ने पेश किया था.


केजरीवाल ने कहा कि प्रक्रिया के तौर पर एमसीडी क्षेत्र में विक्रेताओं और फेरीवालों की पहचान करने के लिए एक सर्वेक्षण करेगा. उन्होंने कहा, "जिन्हें किसी नियम के कारण शहर के किसी भी हिस्से से हटा दिया गया था, उन्हें भी जगह दी जाएगी."


मुख्यमंत्री ने कहा कि शहर की वेंडिंग कमेटी किसी भी स्थान पर विक्रेताओं की अंतिम संख्या पर निर्णय लेगी.


उन्होंने कहा, "समिति के पास सारी शक्ति होगी. यह वेंडिंग और नॉन-वेंडिंग जोन की पहचान करेगी. सदस्य यह तय करेंगे कि फेरी लगाने की अनुमति कहां होगी. इसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं होगी."


केजरीवाल ने कहा, "किसी भी शहर में विक्रेताओं की समाज में महत्वपूर्ण भूमिका होती है और यह कहना गलत नहीं होगा कि वे दिल्ली की जीवन रेखा हैं."


उन्होंने कहा कि विकसित राष्ट्रों के पास इन विक्रेताओं को संगठित करने का एक कानूनी तरीका है.


उन्होंने कहा कि शहर में ऐसे करीब पांच लाख विक्रेता हैं.


उन्होंने कहा, "हम अगले 10-15 दिनों में सर्वेक्षण शुरू करने की उम्मीद कर रहे हैं और प्रत्येक समिति को लगभग तीन विधानसभा क्षेत्रों में काम करना होगा. हमें उम्मीद है कि लगभग एक-दो महीने में, सर्वेक्षण पूरा हो जाएगा. इसमें साप्ताहिक बाजारों की भी गिनती की जाएगी."


केजरीवाल ने कहा, "पहली कोशिश तो यही होगी कि विक्रेताओं को वही स्थान दिया जाए, जहां वे काम कर रहे हैं. लेकिन अंतिम निर्णय समिति का होगा."


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