नई दिल्ली: कोरोना की संभावित तीसरी लहर का असर सबसे ज़्यादा बच्चों पर देखने को मिल सकता है. इसी को ध्यान में रखते हुए दिल्ली की एक प्राइवेट लैब ने बच्चों के कोविड टेस्ट कराने के लिए एक खास वैन तैयार की है. गेम्स, खिलौने, म्यूजिक और कार्टून से सजी वैन बच्चों को किसी प्ले ज़ोन सा अनुभव देती है.


कार्टून कैरेक्टर्स के पोस्टर्स और रंग बिरंगे खिलौनों से सजी वैन बच्चों के खेलने के लिए बने किसी प्ले ज़ोन का एहसास देती है. लेकिन असल में ये एक कोविड टेस्टिंग वैन है, जिसे खासतौर पर बच्चों के लिए तैयार किया गया है. कोरोना की थर्ड वेव को ध्यान मे रखते हुए दिल्ली की स्टार इमेजिंग एंड पैथ लैब ने बच्चों के कोविड टेस्ट कराने के लिए ये खास पहल की है. इसके पीछे मकसद है


- मोबाइल वैन के ज़रिये बच्चों के लिए कोरोना टेस्ट को आसान और मनोरंजक बनाना ताकि खेल-खेल में बच्चों की जांच हो जाए और बच्चों को इसका आभास भी ना हो.
- मोबाइल वैन को अंदर और बाहर से इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि बच्चों को ये एक फन एक्टिविटी जैसा लगे और उन्हे ऐसा महसूस ना हो कि वो बीमार हैं या किसी अस्पताल में आए हैं.
- मोबाइल वैन के ज़रिए जांच से बच्चों को सेंटर पर नही आना पड़ेगा और ट्रेवलिंग कम होने से इंफेक्शन का ख़तरा भी कम होगा.
- वैन मे RT-PCR, एंटीजन, एन्टीबॉडी टेस्ट से लेकर कोरोना में होने वाले अन्य ब्लड से संबंधित जांच जैसे CBC, CRP, LDH, D-Dimer भी किए जा सकेंगे.


स्टार इमेजिंग एंड पैथ लैब के डायरेक्टर समीर भाटी ने कहा कि दूसरी वेव बहुत आश्चर्यजनक तरीके से आई थी. उस समय जितने लोग संक्रमित हो रहे थे उनमें सभी आयु के लोग शामिल थे, जिनमें बच्चे भी बहुत ज़्यादा दिखे. अभिभावक भी पूछते थे कि बच्चों को इतनी भीड़ भाड़ में कहां टेस्ट के लिए लेकर जाएं और बच्चों को लेकर आना भी काफी बड़ी समस्या थी. अब बात की जा रही है कि तीसरी वेव की जिसमें अंदेशा है कि बच्चे सबसे ज़्यादा प्रभावित हो सकते हैं. इसलिए जितना हम पहले से ही तैयार हो पाएं उतना बेहतर है. इसलिये हमने ये कोविड वैन खासतौर पर बच्चों के लिए तैयार की है जिसमें उस तरह की सारी सुविधाएं रखी गई हैं कि बच्चे आराम से इसमें सैम्पल दे सकें. क्योंकि बच्चों का सैंपल लेना अपने आप में एक चुनौती है. बड़ों के कोविड बूथ में हम बच्चों का सैम्पल आसानी से नहीं ले सकते.


वैन को बनाते समय किन बातों का ध्यान रखा गया है इस पर बात करते हुए समीर भाटी ने कहा कि हमने ये देखा है कि बच्चों को पहले समझाना पड़ता है कि टेस्ट किस तरह से होगा. उन सब चीजों को ध्यान में रखते हुए बच्चों प्रोत्साहन देने के लिए वैन के अंदर ऐसा वातावरण बनाया गया है कि उन्हें डर ना लगे. टेस्ट सैम्पल देने के बाद बच्चों को हम गिफ्ट भी देते हैं. आईसीएमआर की सभी गाइडलाइंस का पालन वैन में किया गया है. इसके अलावा एक और खासियत है कि यह वैन कहीं भी घर पर भी जा सकती है. कई बार बच्चों को लेकर आना एक समस्या होती है और माता पिता के मन में भी यह डर रहता है कि बच्चों को कहीं ले जाने पर संक्रमण ना हो जाए. इसको ध्यान में रखते हुए यह वैन होम कलेक्शन के लिए भी इस्तेमाल की जाती है. अभी दो वैन हमने तैयार की है और आगे जरूरत होगी तो और वैन भी तैयार करेंगे. अभी 3 दिन हुए हैं इसे शुरू किए हुए और 100 से ज्यादा टेस्ट हम कर चुके हैं. अगर जरूरत पड़ी तो हम सीरो सर्वे के लिए भी इसका इस्तेमाल करेंगे.


टेस्ट कराने आये बच्चों को वैन में मौजूद रंग बिरंगे खिलौने पसन्द आये तो अभिभावकों का कहना है कि ये एक अच्छी कोशिश है. सैम्पल लेने से पहले टेक्नीशियन बच्चों को हंसी मज़ाक में समझाती हैं कि टेस्ट की प्रकिया क्या होगी और बच्चे आसानी से सैम्पल देने के लिए भी तैयार हो जाते हैं.


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