(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
दिल्ली अग्निकांड: मौत की आखिरी कॉल, 'भइया मैं अब नहीं बचूंगा, प्लीज मेरे बच्चों को संभाल लेना'
फिल्मिस्तान अग्निकांड में 43 लोगों की मौत मृतकों की पहचान की जा रही है. मरने से पहले मुशर्रफ ने अपने दोस्त मोनू को कॉल किया था. धुएं से मुशर्रफ का दम घुटा.
नई दिल्ली: दिल्ली के फिल्मिस्तान की अनाज मंडी की एक फैक्ट्री 600 गज में बनी थी. कल सुबह आग की एक चिंगारी ऐसी भड़की कि 43 जिंदगियां झुलस गईं. सिर्फ 43 लोगों की मौत नही हुई. 43 परिवार तबाह हो गए. मरने वालों में अधिकतर वो मजदूर थे जो अपना परिवार पालने के लिए घर से दूर थे. जो अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए कमाने निकले थे लेकिन अब पीछे रह गया तो सिर्फ दर्द. और इस दर्द के बीच से एक ऐसी चीख निकली जो कलेजा चीर देती है. चीख मुशर्रफ की जिसने मौत की आहट अपनी ओर आते महसूस की लेकिन कुछ कर नहीं सका.
जब फिल्मिस्तान की फैक्ट्री में आग लगी मुशर्रफ राहत का इंतजार कर रहा था. फिर एक वक्त ऐसा आया जब उसकी हिम्मत जवाब दे गई और तब उसने अपने दोस्त मोनू को फोन किया, ये मुशर्रफ के जीवन की आखिरी कॉल थी.
"भइया. मैं अब नहीं बचूंगा.... प्लीज मेरे बच्चों को संभाल लेना.."
मुशर्रफ ने मोनू से कहा भइया अब तो सासं भी नहीं आ रही. और उसके बाद दम घुटने के चलते बस उसके हाय हाय करने की आवाज आने लगी. कुछ देर बाद वो भी बंद हो गई.
यही मुशर्रफ के आखिरी शब्द थे. मोनू और मुशर्रफ के बीच हुई इस फोनकॉल से साफ है कि मौत अचानक नहीं आई. मुशर्रफ आग से घिरा हुआ था और उसके पास बचने का कोई रास्ता नहीं था. अपने आखिरी वक्त में भी मुशर्रफ को वो 5000 रुपये याद थे जो उसे लौटाने थे. सबसे दर्दनाक है फोन कॉल का आखिरी हिस्सा जिसमें मुशर्रफ का दम घुट रहा था.
दिल्ली में रानी झांसी रोड पर चार मंजिला फैक्ट्री में रविवार सुबह लगी भीषण आग में 43 मजदूरों की मौत हो गई और 20 से ज्यादा घायल हैं. पुलिस ने इस भीषण अग्निकांड में दो लोगों को गिरफ्तार किया है. जिसमें फैक्ट्री के मालिक रेहान और उसका मैनेजर फुरकान शामिल है. इन दोनों को आज कोर्ट में पेश किया जाएगा. अधिकारियों ने बताया कि शुरुआती जांच के मुताबिक आग शॉर्ट सर्किट के कारण लगी.
मृतकों में 34 के शव एलएनजेपी हॉस्पिटल में है और 9 के लेडी हार्डिंग में है. शवों का पोस्टमार्टम आज होगा. इसके बाद परिवार वालों को शव सौप दिये जाएंगे. एलएनजेपी में जो 34 शव लाये गये थे उनमें से 28 की पहचान हो चुकी है. इसके अलावा एलएनजेपी में जो 16 घायलों का इलाज चल रहा है उनमें दो दमकल विभाग के कर्मचारी भी है. भीषण अग्निकांड में 43 लोगों की जान जाने के बाद बड़ा सवाल है कि आखिर इस हादसे का जिम्मेदार कौन है?
सूत्रों के मुताबिक यह फैक्ट्री 600 गज की है, तीन सगे भाई रेहान, शान व इमरान इसके मालिक हैं. तीनो भाई बाड़ा हिंदू राव में रहते है. पुलिस का ये भी कहना है कि एक बड़ा हिस्सा खुद रेहान के पास भी था, बाकी उसने किराये पर दिया था. आग रेहान की फैक्ट्री से शुरू हुई थी. मामले की जांच क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर की गई है. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच और फॉरेंसिंक की टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर सैम्पल्स उठाये हैं, जिससे आग की असली वजहों का पता चल सके. दिल्ली सरकार ने भी घटना की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिये हैं.
दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने आग लगने की घटना में मारे गए लोगों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये और झुलसे लोगों को एक-एक लाख रुपये मुआवजा देने का एलान किया. प्रधानमंत्री मोदी ने भी घटना पर दुख जताते हुए मृतकों के परिवारों के लिए 2-2 लाख रुपए और घायलों के लिए 50-50 हजार रुपए का मुआवजा देने का एलान किया है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस घटना में बिहार के मृतकों के परिजनों को एक-एक लाख रूपये श्रम विभाग की तरफ से और एक-एक लाख रूपये मुख्यमंत्री राहत कोष से देने की घोषणा की है.
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