उपराज्यपाल ने केजरीवाल सरकार का फैसला पलटा, अब दिल्ली के बाहर के लोगों का भी अस्पताल में होगा इलाज
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया था कि अब दिल्ली के अस्पातालों में केवल दिल्ली वालों का इलाज होगा.
नई दिल्ली: दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार और उपराज्यपाल (एलजी) अनिल बैजल में नए सिरे से तकरार शुरू हो सकती है. दरअसल, दिल्ली के एलजी ने केजरीवाल सरकार के उस फैसले को पलट दिया है जिसमें कहा गया था कि अब दिल्ली के अस्पातालों में केवल दिल्ली वालों का इलाज होगा.
अब उपराज्यपाल ने अपने आदेश में कहा है कि दिल्ली के निवासी नहीं होने के आधार पर किसी भी मरीज को इलाज से इनकार नहीं किया जाएगा.
Delhi Cabinet has decided to reserve Delhi government hospitals and private hospitals for treatment of Delhi residents, with certain exceptions. The documents mentioned in the order below can be used as proof of residence in Delhi. pic.twitter.com/qpGYPObykm
— CMO Delhi (@CMODelhi) June 7, 2020
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को घोषणा की थी कि कोरोना संक्रमण महामारी के दौरान दिल्ली के सरकारी और निजी अस्पताल केवल दिल्ली के लोगों का इलाज करेंगे.
केजरीवाल ने ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि दिल्ली में केंद्र सरकार द्वारा संचालित अस्पतालों के लिए इस तरह का कोई प्रतिबंध नहीं होगा और यदि दूसरे राज्यों के लोग कुछ विशिष्ट ऑपरेशनों के लिए दिल्ली आते हैं तो उन्हें निजी अस्पतालों में उपचार कराना होगा.
मुख्यमंत्री की इस घोषणा से एक दिन पहले आप सरकार द्वारा गठित पांच सदस्यीय समिति ने सिफारिश की थी कि कोविड-19 संकट के मद्देनजर शहर के स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल केवल दिल्लीवालों के उपचार के लिए होना चाहिए.
केजरीवाल ने कहा था, ‘‘90 प्रतिशत से अधिक लोग चाहते हैं कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान दिल्ली के अस्पताल केवल राष्ट्रीय राजधानी से ताल्लुक रखने वाले मरीजों का उपचार करें. इसलिए यह निर्णय किया गया है कि दिल्ली स्थित सरकारी और निजी अस्पताल केवल राष्ट्रीय राजधानी से ताल्लुक रखने वाले लोगों का ही इलाज करेंगे.’’
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