Delhi LG Vs AAP: दिल्ली के एलजी सक्सेना ने मुख्य सचिव को AAP से 97 करोड़ रुपये वसूलने का दिया ऑर्डर, सरकारी विज्ञापन का है मामला
विज्ञापन पर खर्च को लेकर आम आदमी पार्टी अपने विरोधियों के निशाने पर है. सितंबर में कांग्रेस की ओर से AAP पर तंज कसते हुए कहा गया था कि ये आम आमदी पार्टी नहीं, बल्कि Arvind Advertisement Party है.
Delhi LG Vs Delhi Govt: दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने मुख्य सचिव को आम आदमी पार्टी से 97 करोड़ रुपये वसूलने का निर्देश दिया है. मामला सरकारी विज्ञापनों का है. आरोप है कि आम आदमी पार्टी ने सरकारी विज्ञापनों के नाम पर पॉलिटिकल एड छपवाए.
एलजी का निर्देश 2015 के सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश, 2016 के दिल्ली हाईकोर्ट के एक आदेश और 2016 के सीसीआरजीए के एक आदेश के मद्देनजर आया है. आरोप है कि AAP सरकार कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन कर रही है.
Delhi LG VK Saxena directs Chief Secretary to recover Rs 97 Crores from AAP for political advertisements it published as government ads. LG’s directions come in wake of Supreme Court orders of 2015, Delhi HC order of 2016 & CCRGA’s order of 2016, being violated by AAP Govt
— ANI (@ANI) December 20, 2022
कांग्रेस ने AAP को कहा- Arvind Advertisement Party
विज्ञापन पर खर्च को लेकर आम आदमी पार्टी अपने विरोधियों के निशाने पर है. इसी साल 13 सितंबर को कांग्रेस की ओर से AAP पर तंज कसते हुए कहा गया कि ये आम आमदी पार्टी नहीं, बल्कि Arvind Advertisement Party है. दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी नेता अजॉय कुमार ने कहा था, ''विज्ञापन और भ्रष्टाचार की राजनीति में लिप्त AAP को अरविंद एडवर्टीजमेंट पार्टी, अरविंद एक्टर्स पार्टी और अरविंद ऐश पार्टी बुलाया जाना चाहिए.'' कांग्रेस की ओर से पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को भी घेरा गया था. कांग्रेस नेता ने कहा था कि भगवंत मान सरकार कर्मचारियों की सैलरी नहीं दे पा रही है लेकिन गुजरात में दो महीने में प्रचार खर्च के लिए उसके पास 36 करोड़ रुपये हैं.
RTI से AAP के विज्ञापन खर्च का यह खुलासा
इसी साल 8 जुलाई को एक रिपोर्ट मीडिया में आई थी, जिसमें कहा गया था कि सूचना के अधिकार (RTI) आवेदन से खुलासा हुआ है कि 2015 में दूसरी बार सत्ता में लौटने के बाद से अरविंद केजरीवाल सरकार का विज्ञापनों और प्रचार को लेकर खर्च बढ़ रहा है.
दरअसल, 2 मई 2022 को बिहार के वैशाली के एक निवासी कन्हैया कुमार ने AAP के 10 वर्षों के विज्ञापन खर्च की जानकारी के लिए आरटीआई आवेदन दिया था. यह आवेदन सूचना और प्रचार निदेशालय के अधीन दिल्ली सरकार की एक विज्ञापन एजेंसी 'शब्दार्थ' के जन सूचना अधिकारी को दिया गया था. इसमें नौ बिंदुओं के तहत जानकारी मांगी गई थी.
2021-22 में AAP ने विज्ञापन-प्रचार में किए 488.97 करोड़ रुपये खर्च
आरटीआई आवेदन के जवाब में 19 मई को जानकारी दी गई थी कि दिल्ली सरकार का 10 वर्षों में (2012-13 से 2021-12) के दौरान विज्ञापन-प्रचार और अन्य शुल्क पर खर्च लगभग 44 गुना बढ़ गया है. 2012-13 में यह खर्च जहां 11.18 करोड़ रुपये था, 2021-22 तक बढ़कर 488.97 करोड़ रुपये हो गया.
इसमें जानकारी दी गई थी कि कोरोनाकाल में 2020-21 के दौरान दिल्ली सरकार का विज्ञापन और प्रचार खर्च 293.20 करोड़ रुपये था जो 2021-22 में बढ़कर 488.97 करोड़ रुपये हो गया. इसके अलावा भी कई और महत्वपूर्ण जानकारियां उपलब्ध कराई गई थीं.
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