दिल्लीवालों के लिए नए साल में खुशखबरी- 24 घंटे खुले रहेंगे रेस्टोरेंट और होटल, अगले 49 दिनों में दिए जाएंगे लाइसेंस
Delhi Restaurant and Bars: दिल्ली में 24 घंटे संचालित होने वाले रेस्तरां और बार के लाइसेंस के नियमों को आसान कर दिया गया है. इसके लिए अब 49 दिनों में लाइसेंस दिए जाएंगे लेकिन खास जगहों के लिए.
Delhi 24x7 Restaurant Bars Licensing Norms: दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने लाइसेंसिंग नियम को आसान कर दिया है. 5 स्टार और 4 स्टार होटलों में रेस्तरां और बार को 24 घंटे चलाने के लिए जल्दी ही लाइसेंस दिए जाएंगे. इसके साथ ही इन लोगों को 49 दिनों के भीतर ही लाइसेंस मिल जाएंगे. इस बात की जानकारी एक अधिकारी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को दी है. विदेशों की तरह दिल्ली में भी नाइट लाइफ को एक्टिव बनाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं.
इसी के तहत कुछ दिनों पहले एमसीडी ने कई इलाकों में टेरेस यानी छत पर डाइनिंग और अल्फ्रस्को डाइनिंग यानी आउटडोर डाइनिंग शुरू करने के लिए लगभग 150 रेस्टोरेंट्स को लाइसेंस दिए. इसके अलावा एलजी ने अगस्त में 314 कमर्शल संस्थानों को 24 घंटे चलाने की इजाजत दे दी थी. इनमें बीपीओ के अतिरिक्त खाना, दवाओं, लॉजिस्टिक्स, ट्रांसपोर्ट और आवश्यक चीजों की 24x7 सेवाएं शामिल हैं. एलजी ने रेस्तरां के लिए आसानी से लाइसेंस देने के लिए एक कमिटी भी बनाई थी.
केजरीवाल सरकार का फैसला
वहीं, दिल्ली में अरविंद केजरीवाल सरकार ने इसी साल मई के महीने में एक फैसला किया था जिसमें शराब सर्व करने वाले बार, पब और रेस्तरां में सुबह तीन बजे तक खुली रहेगी. इस पर दिल्ली पुलिस ने आपत्ति जताई थी और कहा था कि ये फैसला कानून और व्यवस्था के मुद्दों को जन्म देगा. दिल्ली में बार चलाने के लिए दिल्ली पुलिस की लाइसेंस ब्रांच से परमिट लेना होता है. तो वहीं, दिल्ली सरकार के आबकारी विभाग से शराब का परमिट और नागरिक एजेंसी से ट्रेड लाइसेंस भी लेना होता है.
दिल्ली पुलिस ने क्या कहा था?
केजरीवाल सरकार के इस फैसले पर दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने कहा था कि दिल्ली में कानून और व्यवस्था के कई मुद्दे हैं, वीवीआईपी व्यक्तियों की सुरक्षा, विरोध-प्रदर्शन, नियमित अपराध, ट्रैफिक और सबसे महत्वपूर्ण, महिला सुरक्षा शामिल हैं. रेस्टोबार का समय बढ़ाने से पुलिस पर अतिरिक्त भार पड़ेगा और ट्रैफिक पर भी असर पड़ेगा. इस योजना को लागू करने के लिए न केवल पुलिस बल्कि अन्य हितधारकों को भी नागरिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर सोचना चाहिए. इसे लागू करने से पहले एक उचित योजना तैयार करने की आवश्यकता है.
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