Delhi: दिल्ली में संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन कराना हुआ आसान, LG विनय सक्सेना ने उठाया ये कदम
Delhi: उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने विभिन्न सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार को कम करने के लिए सतर्कता विभाग के उठाए गए कदमों की समीक्षा की.
Delhi: सरकारी दफ्तरों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने दिल्ली सरकार के विजिलेंस डिपार्टमेंट (सतर्कता विभाग) के उठाए गए कदमों की समीक्षा की. रिव्यू मीटिंग में भ्रष्टाचार के मामलों के निष्पादन और लंबित मामलों को लेकर भी चर्चा की गई. इससे पहले इन एजेंसियों के साथ 30 अगस्त 2022 को उपराज्यपाल ने बैठक की थी.
पिछली बार की मीटिंग में एलजी वीके सक्सेना ने एजेंसियों को भ्रष्टाचार के खिलाफ एक ठोस तंत्र बनाने का निर्देश दिया था. इसके अलावा भ्रष्टाचार से निपटने में दिल्ली पुलिस और भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (ACB) सहित विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय स्थापित करने को कहा था. मीटिंग में मुख्य सचिव (जो विजिलेंस विभाग के निदेशक भी होते हैं), दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त (विजिलेंस), संयुक्त आयुक्त (एंटी करप्शन ब्रांच), दिल्ली नगर निगम, डीडीए और एनडीएमसी के मुख्य सतर्कता अधिकारी (CVO)उपस्थित थे.
क्या निर्देश दिए?
उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने विभिन्न सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार को कम करने के लिए सतर्कता विभाग के उठाए गए कदमों की समीक्षा की और इन दफ्तरों में दलालों की घुसपैठ को रोकने और सरकारी कार्यालयों में अधिक पारदर्शिता लाने के लिए कई दिशा-निर्देश जारी किए, एलजी सक्सेना ने सब-रजिस्ट्रार ऑफिस, ट्रांसपोर्ट ऑफिस, ट्रेड, टैक्स और एक्साइज ऑफिस सहित इस तरह के जनता से जुड़े दफ्तरों में दलालों पर लगाम और भ्रष्टाचार के खिलाफ पारदर्शिता लाने के लिए अधिकारियों को नियमित तौर पर औचक निरीक्षण और रेड करने के भी दिशा-निर्देश दिए.
एलजी सक्सेना ने सब-रजिस्ट्रार ऑफिस को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने पर जोर दिया ताकि लोगों को कम से कम परेशानी हो. इसके लिए उन्होंने सभी उप निबंधक कार्यालयों के पूरे क्षेत्र को सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में लाने के निर्देश दिए, जिसकी फीड सीधे सेंट्रल कमांड एंड कंट्रोल सेंटर को भेजी जाएगी.
क्या प्रावधान होगा?
बैठक में एलजी को सूचित किया गया कि पिछली मीटिंग में उनके निर्देशों का पालन करते हुए देश में पहली बार एक ऑनलाइन शिकायत सूचना प्रबंधन प्रणाली (OCIMS) विकसित की गई है, जिसके माध्यम से भ्रष्टाचार के मामलों में शिकायतें ऑनलाइन दर्ज की जा सकेंगी. एनआईसी (NIC)के विकसित किए जा रहे पोर्टल में शिकायतकर्ताओं के लिए अपनी शिकायतों के साथ फोटोग्राफिक/वीडियो/ऑडियो साक्ष्य ऑनलाइन अपलोड करने का भी प्रावधान होगा.
उपराज्यपाल सक्सेना ने सतर्कता विभाग के अधिकारियों को सरकारी विभागों में भ्रष्ट और ईमानदार कर्मचारियों के बीच एक स्पष्ट संतुलन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है ताकि भ्रष्ट तथा दोषियों को किसी भी हाल में नहीं बख्शा जाए. दूसरी ओर विभाग में जो ईमानदारी से काम कर रहा है, उसे निहित स्वार्थों या तुच्छ शिकायतों के माध्यम से परेशान भी न किया जाए.
कैसे शिकायत होगी?
इस ऑनलाइन शिकायत पोर्टल के किसी भी दुरुपयोग से बचने के लिए एलजी सक्सेना ने निर्देश दिया है कि अगर कोई शिकायतकर्ता किसी के खिलाफ शिकायत करना चाहता है तो उसे पंजीकरण के साथ शिकायत संबंधी साक्ष्य को भी अपलोड करना अनिवार्य होगा.
उन्होंने शिकायतकर्ताओं/ उपयोगकर्ताओं का आधार प्रमाणीकरण अनिवार्य करने के भी निर्देश दिए हैं. साथ ही, शिकायतकर्ता को एक ई-शपथ पत्र प्रस्तुत करना होगा कि शिकायत में प्रदान की गई सभी जानकारी तथ्यात्मक रूप से सही है. इस व्यवस्था में अनिवार्य रूप से यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि केवल वास्तविक शिकायतकर्ता ही अपनी शिकायत दर्ज कराएं जिससे कि जांच एजेंसियों/अधिकारियों के पास गलत/झूठी शिकायतें कम से कम आए.
क्या उद्देश्य है?
सब-रजिस्ट्रार कार्यालयों में भ्रष्टाचार और नागरिकों के उत्पीड़न को कम करने के उद्देश्य से एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, एलजी ने संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन के लिए पूरी दिल्ली को एक ही जिला घोषित करने के लिए कहा है. यह प्रयोग 2015 में आंध्र प्रदेश में किया गया था जहां किसी भी सब-रजिस्ट्रार कार्यालय में जाकर राज्य के किसी भी जिले में संपत्ति का रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है.
इस कदम से संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन के लिए नागरिकों को किसी एक निश्चित सब रजिस्ट्रार ऑफिस में जाने की जरूरत नहीं होगी बल्कि वह दिल्ली में स्थित किसी भी सब रजिस्ट्रार ऑफस में अपना पंजीकरण करा सकते हैं। इस व्यवस्था से भ्रष्टाचार पर प्रभावी रोक लगने की उम्मीद है. इसके साथ ही किसी भूमि के स्टेटस को लेकर राजस्व विभाग द्वारा जारी किए जाने वाले एनओसी को भी पूरी तरह ऑनलाइन किया जाएगा, जिसमें किसी भी मानवीय हस्तक्षेप की जरूरत नहीं होगी. यह पूरी तरह फेसलेस होगा.
बैठक में एलजी ने यह भी निर्देश दिया कि ट्र्रेड एंड टैक्स डिपार्टमेंट में फाइलों की स्क्रूटनी को भी पूरी तरह से फेसलेस बनाया जाए और सभी वजीफे, पेंशन, स्कॉलरशिप आदि का भुगतान केवल ऑनलाइन मोड में डीबीटी के माध्यम से किया जाए.
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