दिल्ली के शराब घोटाला मामले में संजय सिंह की गिरफ्तारी से आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है. आप की स्थापना, दिल्ली और पंजाब में सरकार बनाने से लेकर पार्टी के हर छोटे-बड़े फैसले में संजय सिंह की अहम भूमिका रही है. इतना ही नहीं राज्यसभा में पार्टी का स्टैंड का रखना हो या केंद्र सरकार के फैसलों को लेकर विरोध जताना हो, उन्होंने हमेशा बुलंद आवाज में अपनी बात रखी. आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी से मुकाबले के लिए बनाए गए I.N.D.I.A. गठबंधन की हर मीटिंग में भी वह दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल के साथ मौजूद रहे.
साल 2012 में आम आदमी पार्टी की स्थापना से ही संजय सिंह पार्टी का अहम हिस्सा रहे हैं. आप के गठन के दौरान संजय सिंह पार्टी के कोर सदस्य थे और उन्होंने पार्टी के निर्माण में खास भूमिका निभाई. शराब घोटाला मामले में बुधवार (4 अक्टूबर) को ईडी ने उनके घर पर छापेमारी की और फिर उन्हें गिरफ्तार कर लिया. उनकी गिरफ्तारी से आप बेहद गुस्से में है और सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रही है. अरविंद केजरीवाल और आतिशी मार्लेना से लेकर आप के विधायक और नेताओं तक ने अपनी नाराजगी जाहिर की है. संजय सिंह आप के राष्ट्रीय प्रवक्ता, बिहार और उत्तर प्रदेश के प्रभारी से लेकर पार्टी के राजनीतिक मामलों की कमेटी का भी हिस्सा हैं.
गैर-बीजेपी दलों के साथ कायम किए अच्छे रिश्ते
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, आप के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि संजय सिंह पार्टी के बड़े और अहम सदस्य हैं और राजनीति के अच्छे जानकार हैं. आप नेता ने कहा कि संजय सिंह ने पिछले कुछ सालों में कांग्रेस समेत कई और गैर-बीजेपी दलों के साथ अच्छे रिश्ते बनाए हैं, जिनका फायदा अरविंद केजरीवाल को बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे जैसे नेताओं से मुलाकात में मिला. इससे पता चलता है कि पार्टी और विपक्षी नेताओं में संजय सिंह का कद और महत्व कितना ज्यादा है.
आप नेता ने कहा कि मनीष सिसोदिया की जगह कोई नहीं ले सकता, लेकिन फरवरी के बाद से संजय सिंह की भूमिका और ज्यादा बढ़ी है. फरवरी के बाद से वह अरविंद केजरीवाल के लिए बड़े सहयोगी के तौर पर नजर आए हैं. आप नेता ने कहा कि इसलिए इसमें कोई चौंकने वाली बात नहीं है कि शराब घोटाला मामले में अब केंद्र का फोकस संजय सिंह पर आ गया है.
संजय सिंह के पास पार्टी में हैं ये जिम्मेदारियां-
- आप के राष्ट्रीय प्रवक्ता
- आप के राजनीतिक मामलों की समिति के सदस्य
- उत्तर प्रदेश और राजस्थान के प्रभारी
अन्ना हजारे आंदोलन का हिस्सा रहे
उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर के रहने वाले संजय सिंह आप के साथ जुड़ने से पहले एक सोशल एक्टिविस्ट थे और साल 2011 में अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन का भी हिस्सा रह चुके हैं. वह उन कुछ नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने दिल्ली के रामलीला मैदान में अन्ना हजारे आंदोलन के तहत सरकार के खिलाफ आवाज उठाई. नवंबर, 2012 में आम आदमी पार्टी की स्थापना हुई थी और संजय सिंह पार्टी के कोर मेमंबर्स में शामिल थे. वह साल 2018 और 2022 में दिल्ली से राज्यसभा सांसद बने.
गरीबों के हक के लिए उठाई आवाज
संजय सिंह का जन्म 22 मार्च, 1972 को यूपी के सुल्तानपुर में हुआ था. वह दिल्ली में अपने माता-पिता, बीवी और बच्चों के साथ रहते हैं. 1994 में उनकी अनीता सिंह से शादी हुई और उनकी एक बेटी वर्तिका एवं बेटा उत्कर्ष है. समाजशास्त्र में ग्रेजुएट संजय सिंह ने 1994 में लखनऊ में समाज सेवा समिति का गठन किया. वह गरीबों के लिए समाज सेवा में शामिल रहे और कई आंदलनों में हिस्सा लिया. साल 2020 में बच्चों में कुपोषण, बच्चों के यौन शोषण और बाल तस्करी की रोकथाम जैसे मामलों पर उनके प्रयास के लिए उन्हें यूनीसेफ इंडिया ने पीजीसी पुरस्कार से सम्मानित किया था.
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