Delhi Liquor Policy Case: संजय सिंह की जमानत अर्जी पर शनिवार (9 दिसंबर) को राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान ईडी ने याचिका पर अपनी दलील पेश की. ईडी ने कोर्ट में कहा कि उसके पास संजय सिंह के खिलाफ कई गवाह हैं. जांच एजेंसी ने उन्हें शराब नीति का मास्टरमाइंड बताया.


ईडी ने कोर्ट को बताया कि आम आदमी पार्टी के सांसद के कहने पर ही सर्वेश मिश्रा ने पंजाब के शराब कारोबारियों से पैसे लिए थे. संजय शराब नीति को बनाने और बदले में फायदा लेने के मास्टरमाइंड हैं. हमारे पास  कैश ट्रांजेक्शनन के सबूत भी हैं, जो कि कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) से भी साबित होता है.


एजेंसी ने कहा की मामले में एक अन्य आरोपी समीर महेंद्रू ने भी उन्हें 3 करोड़ रुपये दिए. मामले के एक अन्य आरोपी दिनेश अरोड़ा ने भी इस बात को कबूला है. गौरतलब है कि रेस्त्रां कारोबारी दिनेश मामले में सरकारी गवाह बन चुके हैं. एजेंसी ने कहा कि एफआईआर में नाम होना और गवाहों के बयान के आधार पर सिर्फ गिरफ्तारी को गलत बताना सही नहीं है. 


'गवाह ने शुरू में नहीं लिया था नाम'
जांच एजेंसी ने कोर्ट में कहा कि मामले में गौतम मल्होत्रा, मनीष सिसोदिया और संजय सिंह का नाम शुरू में नहीं आया था, क्योंकि तीनों लोग काफी प्रभवशाली हैं. इसलिए गवाह ने डर की वजह से इनके नाम पहले नहीं लिए थे, लेकिन बाद में खुद की सुरक्षा का भरोसा मिलने उन्होंने इनके नाम लिए. 


12 दिसंबर को होगी अगली सुनवाई
इसके अलावा ईडी को  सर्च अभियान के दौरान उनके घर से कुछ गोपनीय दस्तावेज भी मिले थे, जिनको देखकर लगता है कि संजय सिंह ईडी के किसी कर्मचारी के जरिए उसकी जांच पर नजर बनाए हुए थे. इसके साथ ही ईडी ने अपनी दलील पूरी की. मामले में अब अगली सुनवाई 12 दिसंबर को होगी और उस दिन संजय सिंह के वकील ED की दलीलो का जवाब देंगे. 


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