Delhi Liquor Policy Case: दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत अर्जी सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (30 अक्टूबर) को खारिज कर दी. अदालत ने इस बात का निर्देश दिया है कि सिसोदिया के खिलाफ मुकदमे को 6 से 8 महीने के भीतर पूरा किया जाना चाहिए. कोर्ट ने ये भी कहा है कि अगर मुकदमे की प्रक्रिया धीमी रहती है, तो सिसोदिया तीन महीने के अंदर फिर से जमानत याचिका दायर करने के लिए हकदार होंगे. 


इससे पहले मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 17 अक्टूबर को फैसला सुरक्षित रखा था. सुप्रीम कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि कानूनी सवालों का जवाब सीमित तरीके से दिया गया है. विश्लेषण में सामने आया है कि मामले में कुछ ऐसे पहलू हैं, जो संदिग्ध हैं. कोर्ट ने कहा कि 336 करोड़ रुपये की मनी ट्रेल साबित हुई है.


सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा? 


सिसोदिया की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि हम बेल खारिज करते हैं. एजेंसी ने 6 से 8 महीने में ट्रायल के निपटारे की बात कही है. इसके साथ ही कोर्ट ने माना कि 338 करोड़ रुपए के ट्रांसफर के सबूत एजेंसी ने दिए हैं, जिसके बाद सिसोदिया को जमानत नहीं मिली. जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के जरिए सिसोदिया के खिलाफ जांच किए जा रहे मामलों पर फैसला सुनाया है. 


बीजेपी ने AAP पर साधा निशाना


मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज होने के बाद बीजेपी नेता मनोज तिवारी ने चुटकी लेते हुए कहा- ''मनीष सिसोदिया की बेल रिजेक्ट कर दी है. ये लोग शराब घोटाले और तरह-तरह के घोटाले में इतने लिप्त हो चुके हैं कि अब सुप्रीम कोर्ट भी इन्हें जमानत नहीं दे रहा है. आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से भी गिरफ्तारियां होगी. अरविंद केजरीवाल भी अब जेल जाने वाले हैं.'' 


यह भी पढ़ें:-


हम आतंकवाद पर कड़ा रुख अपनाते हैं क्योंकि...' इजरायल हमास युद्ध पर संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्टैंड के बाद बोले जयशंकर