Delhi Liquor Policy: 'केंद्र की वजह से दिल्ली को 4-5 हजार करोड़ का नुकसान हुआ'- केजरीवाल का आरोप
Delhi Liquor Policy: बीजेपी के आरोप का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार और उपराज्यपाल के हस्तक्षेप की वजह से दिल्ली को 4 से 5 हजार करोड़ के राजस्व का नुकसान हुआ है
Delhi Liquor Policy: बीजेपी ने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाया कि आबकारी नीति में घोटाले के उजागर होने से 288 दिनों में 2,000-2,300 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. पिछली शराब नीति ने अकेले सितंबर में 768 करोड़ रुपये कमाए थे, जिसका अर्थ है कि प्रति दिन लगभग 25 करोड़ रुपये, जबकि नई नीति 7.5 महीनों में 5,036 करोड़ रुपये कमा सकती थी.
उनके इस बयान पर रविवार को गुजरात के दौरे पर आए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में शराब नीति से 4,000-5,000 करोड़ रुपये मिलने वाले थे, लेकिन सरकार के हस्तक्षेप से उपराज्यपाल वीके सक्सेना के कारण दिल्ली को राजस्व का बहुत बड़ा नुकसान हुआ है.
केजरीवाल ने बताया कम राजस्व आने का कारण
केजरीवाल ने कहा, “आप की आबकारी नीति से दिल्ली को 4000-5000 करोड़ रुपये का राजस्व मिलने वाला था, लेकिन इसके लागू होने से ठीक दो दिन पहले केंद्र सरकार के हस्तक्षेप के बाद उपराज्यपाल ने इसमें कई बदलाव किए, जिसके कारण 300-400 शराब की दुकानें नहीं खोली जा सकीं. उनकी लाइसेंस फीस और राजस्व नहीं आया. कम राजस्व के आने के पीछे यही कारण है."
बीजेपी का आरोप-आप का पाप बेनकाब हो गया है
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने आबकारी नीति घोटाला मामले में आरटीआई के नए खुलासे को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) की आलोचना की और कहा कि 14.4 करोड़ रुपये प्रतिदिन के हिसाब से नई नीति से प्रतिदिन 8 करोड़ रुपये का घाटा होने के बजाय लाभ अर्जित करना चाहिए था. राष्ट्रीय राजधानी में आप सरकार की नई आबकारी नीति को 'पापकारी' करार देते हुए पूनावाला ने कहा कि 'आप का पाप बेनकाब हो गया है.
पूनावाला ने आरोप लगाया कि आप नेताओं और बिचौलियों द्वारा "शराब माफिया के लिए शराब नीति" बनाने के लिए भ्रष्टाचार और कमीशन के कारण कई अन्य नुकसान हुए हैं. उन्होंने आप सरकार पर पंजाब चुनाव में इस पैसे का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया और कहा कि अब इसका इस्तेमाल गुजरात के लिए किया जा रहा है. उन्होंने आगे कहा कि जब भी शराब नीति के बारे में सवाल उठाए जाते हैं, तो AAP मामले को मोड़ देती है या "पीड़ित कार्ड खेलना" शुरू कर देती है.
मामला तब प्रकाश में आया जब केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने दिल्ली सरकार की शराब नीति के कार्यान्वयन में कथित घोटाले के संबंध में दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के आवास पर 18 अगस्त को छापा मारा, जिसे अब वापस ले लिया गया है.
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