Delhi Liquor Scam: दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में दर्ज मामले को लेकर जमानत की मांग करने वाली के कविता की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट सोमवार को अपना फैसला सुनाएगा. भारत राष्ट्र समिति के द्वारा दायर याचिका के मुताबिक केंद्र सरकार के सदस्यों और ईडी-सीबीआई की मिलीभगत से उनके खिलाफ साजिश रची है.
उनका कहना है कि उनकी इस घोटाले में संलिप्तता का कोई भी तथ्य नहीं है. याचिका में इस बात पर जोर दिया गया है कि जांच एजेंसियों की जांच में समझौता किया गया है और ये सब पॉलिटिकल एजेंडे के तहत किया गया है.
6 मई को जमानत याचिका की थी खारिज
बीआरएस नेता ने अदालत द्वारा 6 मई को उनकी जमानत याचिका खारिज करने के आदेश के खिलाफ अपील की थी. कोर्ट ने ईडी द्वारा दर्ज मामले में बीआरएस नेता की जमानत खारिज करते हुए फैसला सुनाया था कि दिल्ली आबकारी नीति मामले के संबंध में मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध में के.कविता की संलिप्तता को इंगित करने वाला प्रथम दृष्टया मामला प्रतीत होता है.
के कविता की टीम ने किया दावा
वहीं वरिष्ठ अधिवक्ता विक्रम चौधरी और अधिवक्ता नितेश राणा और के कविता की कानूनी टीम ने दावा किया कि ईडी और सीबीआई की जांच एकतरफा थी. उनके साथ पक्षपात हुआ है. के कविता के वकीलों ने तर्क दिया कि ईडी द्वारा कविता को गिरफ्तार किया गया था. वहीं जांच एजेंसी ने सुप्रीम कोर्ट के सामने वादा किया था कि वह उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेंगे.
लाभार्थी थी बीआईएस नेता
वहीं के कविता के वकीलों के दावों का खंडन करते हुए ईडी के वकीलों ने इस बात पर जोर दिया कि बीआरएस नेता दिल्ली आबकारी घोटाले में उत्पन्न अपराध की आय की लाभार्थी थीं.