नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट में आज दिल्ली के कूड़े के मामले पर सुनवाई होनी है. आज होने वाली सुनवाई के दौरान एक बार फिर एबीपी न्यूज की पड़ताल रिपोर्ट पेश की जाएगी. पिछली चार सुनवाई के दौरान कोर्ट में एबीपी न्यूज की पड़ताल रिपोर्ट दिखाई गई, जिस पर कोर्ट ने एमसीडी समेत सभी एजेंसी को फटकार भी लगाई थी.


HC ने गंदगी की जांच का जिम्मा ABP न्यूज को सौंपा


दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली में गंदगी की जांच का जिम्मा ABP न्यूज को सौंपा है. इस बार एबीपी न्यूज़ ने दिल्ली के इलाकों में कूड़े की सफाई की पड़ताल के साथ साथ उन तीन बड़े डंपिंग ग्राउंड पर भी पड़ताल की, जहां दिल्ली से निकला कूड़ा जमा किया जाता है. पड़ताल में दिल्ली में गंदगी को लेकर एक और चौंकाने वाली हकीकत सामने आई है.


दिल्ली में भलस्वा, गाजीपुर और ओखला में कूड़े के लिए तीन डंपिंग ग्राउंड हैं, जहां पूरी दिल्ली का कूड़ा लाया जाता है.



भलस्वा कूड़ा डंपिंग ग्राउंड की हकीकत


52 एकड़ में फैले भलस्वा कूड़ा डंपिंग ग्राउंड में कूड़ा जमा करने की क्षमता 2006 में ही खत्म हो चुकी है. बावजूद इसके रोजाना यहां दिल्ली से कूड़ा लेकर 400 ट्रक पहुंच रहे हैं. 2900 से 3500 मीट्रिक टन कूड़ा रोज यहां लाया जा रहा है.


एलजी के आदेश पर यहां लैंड स्केपिंग सर्वे हो चुका है. पर्यावरण सुरक्षा से जुड़ी देश की सर्वोच्च संस्था नेशनल ग्रीन ट्रीब्यूनल भी भलस्वा डंपिंग ग्राउंड की ऊंचाई घटाने का आदेश दे चुका है. लेकिन इस पर अमल अब तक नहीं हुआ. नतीजा ये है कि डंपिंग ग्राउंड दिल्ली के नागरिकों के साथ साथ यहां काम करने वाले कर्मचारियों की सेहत को भी नुकसान पहुंचा रहा है.


गाजीपुर कूड़ा डंपिंग ग्राउंड की हकीकत


पूर्वी दिल्ली के गाजीपुर के डंपिंग ग्राउंड के ठीक बगल में कुछ हिस्से में हरियाली दिखी. पड़ताल में पता चला कि कूड़े से निजात दिलाने के लिए गेल इंडिया ने 2011 में यहां रिसर्च एंड डेवलपमेंट प्रोजेक्ट शुरू किया है. पर कूड़ा इतना ज्यादा आ रहा है कि उनकी कोशिश ऊंट के मुंह में जीरे के समान है.


ओखला कूड़ा डंपिंग ग्राउंड की हकीकत


पहाड़ की शक्ल ले चुके ओखला डंपिंग ग्राउंड की कूड़ा ठिकाना लगाने की क्षमता भी 13 साल पहले खत्म हो चुकी है, लेकिन कूड़ा डालने का सिलसिला यहां भी जारी है.