नई दिल्ली: दिल्ली में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच अस्पतालों पर लापरवाही के आरोप भी लग रहे हैं. राजधानी के सरकारी अस्पताल लोक नायक जय प्रकाश (एलएनजेपी) पर गुरुवार 4 जून को ऐसा ही आरोप लगा, जिसमें एक महिला के पिता की मौत हो गई थी. अब अस्पताल ने इन आरोपों के जवाब में अपनी सफाई पेश की है.


एलएनजेपी ने अपने बयान में अस्पताल के इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड्स का हवाला दिया. अस्पताल ने बताया कि मृतक लखजीत सिंह को सुबह 7.10 से 7.30 के बीच लाया गया था. अस्पताल के बयान में कहा गया है, “अस्पताल के ऑटो जनरेटेड कैजुअल्टी रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है कि सुबह 7.37 पर घोषित किया गया कि मरीज को मृत अवस्था में ही अस्पताल लाया गया है.”


वहीं मृतक की बेटी अमरप्रीत की ओर से किए गए ट्वीट पर जवाब देते हुए अस्पताल ने बताया कि मरीज को भर्ती न करने संबंधी पहला ट्वीट सुबह 8.05 मिनट पर किया गया था और फिर सुबह 9.08 पर मरीज की मौत की बात ट्वीट की गई थी.


क्या था मामला?


गुरुवार को दिल्ली की रहने वाली अमरप्रीत ने ट्वीट कर आरोप लगाया था कि वह अपने पिता को लेकर अस्पताल के बाहर खड़ी रही, लेकिन उन्हें अंदर जाने नहीं दिया और बिना इलाज के उसके पिता ने दम तोड़ दिया. अमरप्रीत ने सुबह करीब 8 बजे एक ट्वीट किया था कि उनके पिता की हालत लगातार बिगड़ रही है. उनको तेज बुखार है और वह कोरोना संक्रमित हैं, लेकिन अस्पताल वाले उनको अंदर नहीं जाने दे रहे हैं और अगर उनको जल्द मदद नहीं मिली तो वह नहीं बचेंगे.


एक घंटे बाद अमरप्रीत ने एक और ट्वीट किया और अपने पिता की मौत की खबर दी. उन्होंने लिखा, "सरकार नाकाम साबित हुई क्योंकि मेरे पिता नहीं बचे."


पहले भी लगाई थी मदद की गुहार


इससे पहले भी 2 जून को अमरप्रीत ने अपने पिता के कोरोना से संक्रमित होने की बात ट्वीट की थी. उसमें उन्होंने लिखा था कि किसी भी हेल्पलाइन से कोई जवाब नहीं मिल रहा. उन्होंने इस ट्वीट में सीएम अरविंद केजरीवाल, डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और AAP विधायक दिलीप पांडे को भी टैग किया था.


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