नई दिल्ली: ऐतिहासिक जामा मस्जिद में ईद के दिन गेट पर ताले लगे हुए दिखे. नमाजियों को घर से ही ईद की नमाज अदा करने के लिए कहा गया. कोरोना काल ने ना केवल भारत बल्कि दुनिया में जीवन शैली पर बहुत बड़ा प्रभाव डाला है. बहुत ही बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं. सबसे बड़े बदलाव धार्मिक स्थलों पर दिख रहे हैं. जो कोरोना की वजह से बंद कर दिए गए हैं.


ऐसे में पाक रमजान का महीना खत्म होने के बाद ईद उल फितर पर ईद में मस्जिद के अंदर नमाज नहीं पढ़ी गई है. राजधानी दिल्ली की ऐतिहासिक जामा मस्जिद, जहां ईद के पर्व पर लाखों की संख्या में लोग नमाज अदा करने पहुंचते थे, वहां इस बार दरवाजों पर ताले लटके दिखे.


मस्जिद के अंदर नमाज जरूर हुई लेकिन नमाजियों के अंदर प्रवेश पर मनाही रही. सभी नमाजियों को पहले ही यह निर्देश दे दिए गए थे कि वे सभी लोग लॉकडाउन का पालन करते हुए अपने घरों के अंदर रहकर ईद की नमाज अदा करेंगे. शायद यही वजह रही कि मुस्लिम समुदाय के लोगों ने भी इस बात को समझा, इस बात को माना और मस्जिद में नमाज अदा करने के लिए नहीं पहुंचे.


इतिहास में पहली बार हुआ है ऐसा


जामा मस्जिद इलाके में ही रहने वाले एक शख्स शहजाद ने बताया कि उनकी उम्र 42 साल है और अपने बचपन से लेकर आज तक की उम्र में पहली बार देखा कि ईद के दिन लोगों ने मस्जिद में न जाकर अपने घरों के अंदर रहकर नमाज अदा की है. उनका कहना है कि इस्लाम धर्म लगभग 1400 साल पुराना है और 1400 साल में ऐसा पहली बार हुआ है, जब ईद जैसे पाक मौके पर लोगों ने मस्जिद के अंदर जाकर नमाज अदा नहीं की है.


उनका कहना है कि ईद की नमाज पर उन्होंने यही दुआ की है कि हमारे देश को कोरोना से बचाएं और हमारे देशवासियों की रक्षा करें. जिस तरह से भारत देश में रहने वाले दूसरे समुदाय के लोग धार्मिक स्थलों में नहीं जा रहे हैं, ठीक उसी तरीके से मुस्लिम समुदाय के लोगों ने भी इस बात पर अमल किया है और सभी लोग मस्जिद में न जाकर अपने घरों में रहकर ही दुआ कर रहे हैं और नमाज अदा कर रहे हैं.


तीन-चार दिन पहले से ही मुस्लिम समुदाय के लोगों से चल रही थी बातचीत


डीसीपी सेंट्रल संजय भाटिया का कहना है की रमजान के महीने के आखिर में ईद उल फितर का त्योहार मनाया जाता है. इस बार कोरोना की वजह से लॉकडाउन जारी है. सोशल डिस्टेंसिंग लागू है. पिछले तीन-चार दिनों से ही दिल्ली पुलिस मुस्लिम समुदाय के सभी प्रमुख लोगों के साथ बातचीत कर रही थी, बैठक कर रही थी. जिसमें सभी से यही गुजारिश की जा रही थी की ईद के पर्व पर कोई भी व्यक्ति सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन का उल्लंघन ना करें.


सभी लोग अपने अपने घरों में रहकर नमाज अदा करें और मस्जिद में ना जाएं. लोगों ने इस बात को समझा. इस बात को लोगों तक पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया के अलावा थाना लेवल पर मीटिंग की गई. लोगों के बीच में पोस्टर से यह संदेश पहुंचाया गया व अन्य कई कदम उठाए गए, जिससे कि लोगों तक यह संदेश पहुंचाया जा सके कि इस बार की ईद की नमाज सभी लोग अपने घरों में ही अदा करें.  उन्होंने कहा कि हम लोगों ने एहतियात के तौर पर मस्जिदों पुलिस की तैनाती भी की है. लोगों ने भी महामारी के प्रकोप को समझा है और पुलिस प्रशासन का साथ दिया है. जिस वजह से मस्जिदों में नमाज अदा नहीं की गई है.


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