दिल्ली के स्कूलों में वैकल्पिक विषय के तौर पर पढ़ाई जाएगी मैथिली- मनीष सिसोदिया
सरकार के मुताबिक दिल्ली में करीब 60 से 70 लाख मैथिली और भोजपुरी भाषी लोग हैं. यह फैसला ऐसे समय में आया है जब दिल्ली में विधानसभा चुनावों में कुछ ही वक्त रह गया है और जो लोग ये भाषाएं बोलते हैं वह शहर के किसी भी चुनाव में किसी भी राजनीतिक दल कि किस्मत का फैसला करने में अहम भूमिका रखते हैं.
नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने मैथिली और भोजपुरी को बढ़ावा देने के लिए सोमवार को कई कदमों की घोषणा की. इसमें आठवीं कक्षा से 12वीं तक मैथिली को वैकल्पिक विषय के तौर पर पढ़ाने और आईएएस की तैयारी करने वाले ऐसे छात्रों को मुफ्त कोचिंग का प्रबंध करना शामिल है जिन्होंने वैकल्पिक विषय के तौर पर इसे चुना हो. यह फैसला ऐसे समय में आया है जब दिल्ली में विधानसभा चुनावों में कुछ ही वक्त रह गया है और जो लोग ये भाषाएं बोलते हैं वह शहर के किसी भी चुनाव में किसी भी राजनीतिक दल कि किस्मत का फैसला करने में अहम भूमिका रखते हैं.
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, ''मैथिली दिल्ली के स्कूलों में आठवीं कक्षा से 12वीं कक्षा तक वैकल्पिक विषय के तौर पर पढ़ाई जाएगी. दिल्ली के छात्र अब उर्दू और पंजाबी की तरह मैथिली को वैकल्पिक विषय के तौर पर सीख पाएंगे.''
दिल्ली सरकार के स्कूलों में मैथिली भाषा की पढ़ाई शुरू होगी. 8 वीं से 12वीं क्लास के बच्चे मैथिली को एक सबजेक्ट के रूप में ले सकेंगे. इसके साथ ही दिल्ली सरकार आईएएस और अन्य सिविल सेवा परीक्षाओं के लिए भी मैथिली विषय की कोचिंग उपलब्ध कराएगी.
— Manish Sisodia (@msisodia) July 15, 2019
सरकार के मुताबिक दिल्ली में करीब 60 से 70 लाख मैथिली और भोजपुरी भाषी लोग हैं. सिसोदिया ने कहा कि आप सरकार केंद्र सरकार से भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने का भी अनुरोध करेगी.
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