Delhi Mayor Election: दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव आज यानी शुक्रवार (6 जनवरी) को होना है. दिल्ली नगर निगम के मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव से पहले उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने बीजेपी नेता सत्या शर्मा को सदन का प्रोटेम स्पीकर बनाया है. उपराज्यपाल के इस फैसले आम आदमी पार्टी का विरोध किया है. वहीं, इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच सियासी खींचतान भी शुरू हो गई है.
एमसीडी में मेयर और डिप्टी मेयर को लेकर आम आदमी पार्टी और बीजेपी के अपने-अपने दावे हैं. बीते साल दिसंबर में हुए एमसीडी चुनाव में हारने के बावजूद बीजेपी ने दावा किया है कि मेयर पद पर उसका ही कब्जा होगा. वहीं, आम आदमी पार्टी ने एलजी वीके सक्सेना पर बीजेपी को फायदा पहुंचाने के लिए प्रोटेम स्पीकर को नामांकित करने का आरोप जड़ा है. आइए जानते हैं एमसीडी चुनाव से जुड़ी 10 बड़ी बातें...
एमसीडी चुनाव से जुड़ी 10 बड़ी बातें...
1. बीते साल दिसंबर में हुए दिल्ली नगर निगम चुनाव के बाद आज सभी निर्वाचित पार्षद शपथ लेंगे. इसके बाद मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव होगा और फिर स्थायी समिति के 6 सदस्यों का चुनाव होगा.
2. 'केजरीवाल की सरकार, केजरीवाल का पार्षद' के सियासी कैंपेन के सहारे एमसीडी की 250 में से 134 सीटों पर कब्जा करने वाली आम आदमी पार्टी ने शैली ओबरॉय को मेयर पद का प्रत्याशी बनाया है. विकल्प के तौर पर AAP ने आशु कुमार ने नामांकन दाखिल किया है. वहीं, बीजेपी ने शालीमार बाग की पार्षद रेखा गुप्ता को अपना उम्मीदवार घोषित किया है.
3. डिप्टी मेयर पद के लिए आम आदमी पार्टी ने आले मुहम्मद इकबाल को प्रत्याशी बनाया है और विकल्प के तौर पर जलज कुमार ने नामांकन भरा है. वहीं, बीजेपी की ओर से डिप्टी मेयर पद के लिए कमल बागरी मैदान में हैं.
4. दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली सरकार की ओर से भेजे गए मुकेश गोयल के नाम की जगह बीजेपी पार्षद सत्या शर्मा को प्रोटेम स्पीकर बनाया है. इस नियुक्ति पर आम आदमी पार्टी और उपराज्यपाल के बीच फिर से तलवारें खिंच गई हैं.
5. दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने एलजी पर केंद्र सरकार के प्रतिनिधि होने का आरोप लगाया है. केजरीवाल के अनुसार, उपराज्यपाल एमसीडी मेयर चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं और जान-बूझकर ऐसे सदस्यों को चुन रही हैं, जिससे पक्षपातपूर्ण तरीके से पार्षद बीजेपी की ओर मुड़ जाएं.
6. 2012 के बाद ये पहला मौका है, जब पूरी दिल्ली में एक ही मेयर होगा. इससे पहले दिल्ली नगर निगम को तीन भागों में विभाजित कर दिया गया था और हर निगम का अपना मेयर होता था. बीते साल दिसंबर में हुए एमसीडी चुनाव से पहले इन निगमों को एक कर दिया गया था और 4 दिसंबर को चुनाव कराए गए थे.
7. एमसीडी चुनाव में बीजेपी ने 104 सीटें जीती हैं और अपना मेयर बनने का दावा किया है. इससे पहले बीजेपी ने मेयर पद का चुनाव लड़ने से मना कर दिया था. बता दें कि दिल्ली में एमसीडी के कार्यकाल के पांच सालों में हर साल मेयर बदलता है. पहले साल महिला, दूसरे साल सामान्य, तीसरे साल आरक्षित वर्ग और बचे हुए दो सालों के लिए भी सामान्य वर्ग के लिए पद आरक्षित रहता है.
8. कांग्रेस ने एमसीडी चुनाव में हिस्सा लेने से मना कर दिया है. एमसीडी चुनाव में कांग्रेस ने महज 9 सीटें ही जीती थीं. कांग्रेस का कहना है कि पार्टी के पार्षद न आम आदमी पार्टी को समर्थन देंगे और न बीजेपी को.
9. एमसीडी चुनाव में सिर्फ 250 पार्षद ही वोट नहीं करेंगे. इनके साथ ही दिल्ली के 7 लोकसभा सांसद, 14 विधायक और 3 राज्यसभा सांसद भी मेयर चुनाव के लिए वोट करेंगे.
10. मेयर और डिप्टी मेयर के लिए चुनाव सीक्रेट बैलेट के जरिये वोटिंग होगी. इसमें कोई भी पार्षद किसी के लिए भी वोट कर सकता है. एमसीडी में दल-बदल कानून नहीं लगता है, तो क्रॉस वोटिंग की संभावना बनी हुई है. वैसे भी क्रॉस वोटिंग किसने की, सीक्रेट बैलेट की वोटिंग के चलते पता लगाना मुश्किल है. आसान शब्दों में कहें, तो बीजेपी के साथ AAP पर भी खतरा बरकरार है.
ये भी पढ़ें: