MCD Mayor Election: दिल्ली नगर निगम के मेयर पद चुनाव मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने उप राज्यपाल कार्यालय और प्रोटेम सभापति सत्या शर्मा, एलजी को नोटिस जारी किया है. ये नोटिस आम आदमी पार्टी (AAP) और उसकी मेयर पद प्रत्याशी शैली ओबेरॉय की याचिका पर जारी किया गया है. 13 फरवरी को मामले पर सुनवाई होगी.
आम आदमी पार्टी की याचिका में कहा गया, नगर निगम चुनाव के परिणाम आने के बाद 2 महीने बीत चुके हैं लेकिन अब तक महापौर (मेयर) का पद खाली है. पार्टी की तरफ से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने बताया कि मेयर पद चुनाव के लिए गलत प्रक्रिया अपनाने की कोशिश की जा रही है. इसमें मनोनीत पार्षदों को मतदान की अनुमति दी जा रही है. वहीं, आम आदमी पार्टी के 2 विधायकों को आपराधिक मामले में सजायाफ्ता बता कर वोटिंग से मना किया गया है.
मेयर पद चुनाव के लिए बैठक 1 हफ्ते के अंदर हो- वकील
पार्टी वकील सिंघवी ने पार्षद सत्या शर्मा को प्रोटेम सभापति बनाए जाने का भी विरोध किया. उन्होंने कहा, वरिष्ठतम पार्षद को ये पद मिलना चाहिए. उसकी अध्यक्षता में मेयर पद का चुनाव हो. उसके बाद डिप्टी मेयर और दूसरे पदों का निर्वाचन मेयर की अध्यक्षता में हो. वरिष्ठ वकील ने यह भी कहा कि मेयर पद चुनाव के लिए बैठक 1 हफ्ते के भीतर हो. थोड़ी देर तक उन्हें सुनने के बाद चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 3 जजों की बेंच ने याचिका पर नोटिस जारी कर दिया है.
आम आदमी पार्टी को 134 सीटें मिली थीं
7 दिसंबर को एमसीडी चुनाव के परिणाम आए थे. इसमें आम आदमी पार्टी को 134 सीटें मिली थीं. बीजेपी को 104 वार्ड में जीत हासिल हुई थी. इसके बाद से 3 बार मेयर चुनने के लिए सदन की बैठक हुई लेकिन दोनों पार्टियों के बीच विवाद के चलते चुनाव नहीं हो पाया. आम आदमी पार्टी मनोनीत पार्षदों के मतदान में शामिल होने का विरोध कर रही है. उसका कहना है कि संविधान के अनुच्छेद 243 R और दिल्ली म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन एक्ट की धारा 3 के तहत मनोनीत सदस्यों को मतदान का अधिकार नहीं है.
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