दिल्ली: बकाया सैलरी को लेकर 7 जनवरी से हड़ताल पर रहेंगे एमसीडी कर्मचारी, उप-राज्यपाल निवास तक करेंगे मार्च
कोरोना के चलते कई महीनों से एमसीडी के कर्मचारियों को सैलरी नहीं मिली है, जिसको लेकर पिछले कुछ महीनों से विवाद भी चल रहा है. इसमे तकरीबन एक लाख कर्मचारी है और तकरीबन 50 हज़ार पेंशनर हैं.
नई दिल्ली: दिल्ली की तीनों एमसीडी के कर्मचारियों ने 7 जनवरी से हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया है. दरअसल एमसीडी के ज़्यादातर विभागों के कर्मचारियों को तकरीबन 4-5 महीने से सैलरी नहीं मिली है, कई महीनों से सैलरी को लेकर चल रहा विवाद अब बड़ा होता हुआ दिख रहा है. हड़ताल का ऐलान कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंप्लाइज एमसीडी यूनियन की तरफ से किया गया है.
किसी विभाग में 3 महीने से सैलरी नहीं मिली है तो किसी विभाग में 4 से 5 महीने से. जिसको लेकर कई बार मेयर से बात करने से लेकर निगम क्षेत्रीय कार्यालय और सिविक सेंटर पर कर्मचारियों ने हड़ताल भी की है. जिसके बाद एमसीडी प्रशासन ने किसी विभाग की एक महीने तो किसी की 2 महीने की सैलरी दी लेकिन अभी तक की पूरी सैलरी ना मिलने की वजह से कल पूरी तरह से काम बंद कर के हड़ताल पर जाने का एलान कर्मचारियों ने कर दिया है. इसमें एमसीडी डॉक्टर्स के शामिल होने की बात अभी साफ नहीं है. बाकी सभी कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे.
7 जनवरी सुबह 10:30 बजे से इस हड़ताल का एलान किया गया है जिसमें निगम क्षेत्रीय कार्यालय सिविल लाईन पर एकत्रित होकर सभी कर्मचारी 11:00 बजे से पैदल मार्च करते हुए उपराज्यपाल निवास,राजनिवास मार्ग पर प्रदर्शन करेंगे और पूर्ण काम बंद हड़ताल का आगाज करेंगे.
महीनों से एमसीडी और दिल्ली सरकार के बीच फंड को लेकर विवाद है. एमसीडी का कहना है कि दिल्ली सरकार ने एमसीडी का 13 हज़ार करोड़ रुपया नहीं दिया है जिस वजह से एमसीडी काम नहीं कर पा रहा है और ना ही कर्मचारियों को सैलरी दे पा रहा है. तो वहीं दिल्ली सरकार एमसीडी में घोटाले की बात करती है. इसी वात विवाद में महीनों से निगम के कर्मचारियों को सैलरी नहीं मिली है, जिसके चलते कोरोना के सबसे ख़तरनाक वक़्त से लेकर अब तक कर्मचारी परेशानी का सामना कर रहे हैं.
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