MCD मेयर चुनाव का मसला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, AAP की मांग- मनोनीत पार्षदों को मतदान से रखा जाए दूर
AAP के राष्ट्रीय प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने BJP पर गुंडागर्दी करने और MCD की कार्यवाही में बाधा डालने का आरोप लगाया था. वहीं, अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है.
MCD Mayor Election: दिल्ली नगर निगम (MCD) के मेयर पद के चुनाव का मसला सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंच गया है. आम आदमी पार्टी (AAP) की मेयर पद की उम्मीदवार शैली ओबेरॉय ने याचिका दाखिल कर जल्द चुनाव की मांग की है. आज उनकी तरफ से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट से याचिका पर सुनवाई का अनुरोध किया. इस पर चीफ जस्टिस ने मामला 3 फरवरी को सुनवाई के लिए लगाने की बात कही.
बता दें कि 7 दिसंबर को एमसीडी चुनाव के परिणाम आए थे. इसमें आम आदमी पार्टी को 134 सीटें मिली थीं. बीजेपी को 104 वार्ड में जीत हासिल हुई थी. उसके बाद से 2 बार महापौर (Mayor) के चुनाव के लिए सदन की बैठक हुई, लेकिन दोनों पार्टियों के बीच विवाद के चलते चुनाव नहीं हो पाया. आम आदमी पार्टी मनोनीत पार्षदों के मतदान में शामिल होने का विरोध कर रही है.
AAP ने कोर्ट में क्या मांगें रखीं?
आम आदमी पार्टी की तरफ से दाखिल याचिका में मुख्य रूप से 2 मांगें रखी गई हैं. पहली मांग यह है कि चुनाव एक तय समय सीमा में पूरे कराए जाएं. साथ ही याचिका में यह मांग भी की गई है कि मनोनीत पार्षदों को मतदान से दूर रखा जाए. याचिका में दावा किया गया है कि संविधान के अनुच्छेद 243 R और दिल्ली म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन एक्ट की धारा 3 के तहत मनोनीत सदस्यों को मतदान का अधिकार नहीं है.
चुनाव में दो बार हो चुका है हंगामा
बता दें कि पिछले मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में महापौर पद का चुनाव इस महीने दूसरी बार नहीं हो सका था क्योंकि उपराज्यपाल द्वारा नियुक्त पीठासीन अधिकारी ने कुछ पार्षदों के हंगामे के बाद एमसीडी सदन की बैठक को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया था.
AAP ने बीजेपी पर लगाया गुंडागर्दी का आरोप
'आप' के राष्ट्रीय प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी पर गुंडागर्दी करने और एमसीडी की कार्यवाही में बाधा डालने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि एमसीडी सदन के नेता मुकेश गोयल और 'आप' की महापौर पद की उम्मीदवार शैली ओबेरॉय ने दिल्ली में महापौर पद का चुनाव समयबद्ध तरीके से सुनिश्चित करने का निर्देश देने के लिए शीर्ष अदालत का रुख किया है.