Delhi MCD Mayor Election: दिल्ली नगर निगम के मेयर का चुनाव 6 जनवरी, 2023 को होगा. उसी दिन दिल्ली नगर निगम की पहली बैठक भी होगी. वहीं मेयर चुनाव के नामांकन के लिए अंतिम तारीख 27 दिसंबर तय हुई है. मेयर के साथ ही डिप्टी मेयर का चुनाव भी करवाया जाएगा. बता दें कि मेयर का चुनाव सीक्रेट बैलेट से होगा और चुनाव से पहले नॉमिनेशन कभी भी वापस लिया जा सकेगा.
उल्लेखनीय है कि मेयर चुनाव की तारीख का एलान हो चुका है, लेकिन अब तक किसी भी राजनीतिक दल ने अपने उम्मीदवारों का एलान नहीं किया है. हालांकि, माना जा रहा है कि आने वाले दो से तीन दिनों में प्रत्याशियों की स्थिति स्पष्ट हो जाएगी. बीजेपी तो अब भी महापौर पद के चुनाव को लेकर असमंजस में है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीजेपी नेताओं का कहना है कि वह 'आप' को देखकर ही अपने प्रत्याशी पर फैसला लेंगे.
मेयर चुनाव की प्रक्रिया?
दिल्ली नगर निगम एक्ट के मुताबिक, दिल्ली मेयर पद का कार्यकाल 1 साल का होता है, जबकि पार्षदों का कार्यकाल पूर्ण रूप से 5 वर्ष का होता है. एमसीडी चुनाव के बाद सदन की पहली बैठक में ही मेयर का चुनाव संपन्न करवाया जाता है. दिल्ली एमसीडी एक्ट के अनुसार, पहले साल महिला मेयर चुनी जाएंगी. तीसरे साल अनुसूचित जाति से मेयर होगा. वहीं बचे हुए तीनों साल में किसी भी वर्ग से मेयर चुने जा सकेंगे.
दिल्ली में मेयर बनाने के लिए कितने वोट जरूरी?
इस बार परिसीमन के बाद दिल्ली नगर निगम में 250 वॉर्ड निर्धारित किए गए. 250 का अध्यक्ष एक मेयर होगा. मेयर बनने के लिए 138 वोट होने जरूरी है. दिल्ली मेयर के चुनाव में सभी निर्वाचित 250 पार्षद, दिल्ली के 7 लोकसभा सांसद, 3 राज्यसभा सांसद, और विधानसभा अध्यक्ष की ओर से 14 मनोनीत विधायक इस मेयर चुनाव में वोट करते हैं.
138 वोट प्राप्त करने वाला उम्मीदवार 1 साल के लिए दिल्ली एमसीडी में मेयर चुना जाता है. बता दें कि अगर मेयर के लिए सिर्फ एक प्रत्याशी ने ही नामांकन दाखिल किया तो चुनाव नहीं होगा. एक ही प्रत्याशी आने की स्थिति में उसे निर्विरोध महापौर घोषित कर दिया जाएगा.
अभी किसके पास कितनी सीटें?
दिल्ली नगर निगम चुनाव में इस बार आम आदमी पार्टी की शानदार जीत हुई. पहली बार दिल्ली एमसीडी पहुंचने वाली आम आदमी पार्टी का हौसला बुलंद है और अब मेयर को लेकर जोर आजमाइश तेज हो चुकी है. आम आदमी पार्टी ने इस बार 134 सीटें जीती हैं. वहीं बीजेपी को सिर्फ 104 सीटों पर जीत मिली है. कांग्रेस को 9 सीटें मिली हैं. वहीं तीन निर्दलीय जीतकर आए हैं.