नई दिल्ली: कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. गम्भीर आर्थिक संकट से जूझ रहे डीएमआरसी ने अपने कर्मचारियों की सैलरी कम कर दी है. मंगलवार को डीएमआरसी ने एक ऑफ़िस ऑर्डर के ज़रिए ये आदेश जारी किया है.


सैलरी को लेकर क्या लिखा है ऑफ़िस ऑर्डर में...


दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेड के एचआर विभाग की सीनियर डिप्टी जनरल मैनेजर संगीता श्रीवास्तव के हस्ताक्षर से जारी हुए इस ऑफ़िस ऑर्डर में कहा गया है कि कोविड संकट के कारण मेट्रो के न चलने के कारण दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेड अत्यधिक आर्थिक संकटों से गुजर रहा है जिसके कारण ये आदेश जारी किया जा रहा है-


1. बेसिक सैलरी के साथ मिलने वाले सुविधा-भत्ते (पर्क्स एंड एलाउंसेज़) को पचास प्रतिशत कम किया जाएगा.
2. ये फ़ैसला अगस्त 2020 माह से लागू होगा.
3. ये फ़ैसला अगले आदेश तक जारी रहेगा.
4. अगस्त महीने की सैलरी में सुविधा-भत्ते के रूप में बेसिक पे का 15.75% ही दिया जाएगा.
5. इसी प्रकार आगे की सैलरी भी दी जाएगी.


कर्मचारियों के सभी एडवांस रोक दिए गए हैं...


इस ऑफ़िस ऑर्डर में यह भी कहा गया है कि जिन कर्मचारियों ने फ़्रेश एडवांस अप्लाई किया है उनके सभी तरह के एडवांस फ़िलहाल रोक दिए गए हैं. इसके अंतर्गत निम्न तरह के एडवांस भी शामिल हैं-
1. मकान बनाने के लिए लिया गया एडवांस
2. मल्टी परपज़ एडवांस
3. लैपटॉप एडवांस
4. फ़ेस्टिवल एडवांस


किन कर्मचारियों के एडवांस मिलेंगे


इस ऑफ़िस ऑर्डर में कहा गया है कि दिल्ली मेट्रो के जिन कर्मचारियों ने काफ़ी पहले एडवांस अप्लाई कर दिया था और जिनके एडवांस पहले ही अप्रूव और सैंक्शन हो चुके हैं उनके एडवांस दिए जाएंगे.


इलाज और टीए डीए का पैसा नहीं रोका जाएगा


दिल्ली मेट्रो ने साफ़ किया है कि उसके किसी भी कर्मचारी का यात्रा भत्ता और महंगाई भत्ता नहीं रोका जाएगा. साथ ही जिन कर्मचारियों को इलाज के लिए धन की आवश्यकता है उन्हें भी उनकी निर्धारित राशि दी जाएगी. साथ ही जिन कर्मचारियों की कंपोज़िट ट्रांसफ़र ग्रांट (सीटीजी) ड्यू है उन्हें ये दी जाएगी.


कितना बड़ा है दिल्ली मेट्रो का आर्थिक संकट


कोरोना संकट के दौर में दिल्ली में मेट्रो पूरी तरह ठप्प है. बता दें कि दिल्ली मेट्रो में रोज़ाना क़रीब 8.5 लाख यात्री चढ़ते हैं. दिल्ली मेट्रो को क़रीब एक करोड़ से सवा करोड़ रूपए तक की आमदनी रोज़ाना होती है. ऐसे में आमदनी पूरी तरह रुक जाने के कारण दिल्ली मेट्रो को अपने 285 मेट्रो स्टेशनों के रखरखाव और 8000 कर्मचारियों की तनख़्वाह देने में स्वाभाविक रूप से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.


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