नई दिल्ली: दिल्ली में कल से मेट्रो का किराया बढ़ सकता है, क्योंकि दिल्ली विधानसभा के प्रस्ताव पर अभी केंद्र ने कोई संज्ञान नहीं लिया है. दिल्ली सरकार मेट्रो के किराए को बढ़ाने के खिलाफ है. इसको लेकर आज दिल्ली विधानसभा का सत्र हंगामेदार रहा. सत्र शुरु होते ही बीजेपी विधायकों ने हंगामा शुरु कर दिया. बीजेपी सदस्य बाहर गये तो कार्यवाही शुरू हुई और मेट्रो का किराया नहीं बढ़ाने का प्रस्ताव पेश किया गया.


विधानसभा में बीजेपी ने किया हंगामा


बीजेपी के दो विधायक मंजिंदर सिंह सिरसा और ओम प्रकाश शर्मा हाल में अतिथि शिक्षकों पर एक चर्चा के दौरान कथित रूप से ‘अभद्र भाषा’ इस्तेमाल करने पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से माफी की मांग कर रहे थे.


टैक्सी कंपनियों की दलाली करना बंद करो- मनीष सिसोदिया


दिल्ली विधानसभा में मेट्रो पर मची महाभारत के बीच उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बीजेपी पर बड़ा आरोप लगा दिया. उन्होंने कहा, ‘’टैक्सी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार किराया बढ़ा रही है.’’ उन्होंने विधानसभा में कहा कि टैक्सी कंपनियों की दलाली करना बंद करो. आपको बता दें कि विधानसभा का एक दिन का विशेष सत्र किराया वृद्धि के मुद्दे पर बुलाया गया था.


मेट्रो के परिचालन घाटे का आधा हिस्सा चुकाने को तैयार- अरविंद केजरीवाल


आपको बता दें कि केन्द्र सरकार ने इस संबंध में स्पष्ट किया है कि यदि दिल्ली सरकार मेट्रो रेल किराया वृद्धि को रोकना चाहती है तो उसे अगले पांच साल तक 3000 करोड़ रुपये सालाना देने होंगे. इसपर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केन्द्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी को लिखे पत्र में कहा है, ''दिल्ली सरकार मेट्रो के परिचालन घाटे का आधा हिस्सा चुकाने को तैयार है बशर्ते मेट्रो रेल के किराये में इजाफे को रोकने के लिये घाटे के आधे हिस्से की भरपायी केन्द्र सरकार भी करे.'' उन्होंने यह भी कहा, ''दिल्ली सरकार मेट्रो को ज्यादा प्रभावी बनाने के लिए इसका अधिग्रहण करने के लिए तैयार है.''


बता दें कि मेट्रो की किराया निर्धारण समिति की सिफारिश के आधार पर डीएमआरसी ने दस अक्टूबर से प्रस्तावित किराया बढ़ोतरी को लागू करने का फैसला किया है. केजरीवाल सरकार इसे रोकने के लिये केन्द्र सरकार पर लगातार दबाब बना रही है.

इसी साल मई महीने में भी बढ़ा था किराया


मेट्रो का न्यूनतम किराया कल से 10 और अधिकतम 60 रुपये होना है. फिलहाल न्यूनतम 10 रुपए और अधिकतम 50 रुपए है. इसी साल मई महीने में भी किराया बढ़ा था तब न्यूनतम किराया 8 रुपए से 10 रुपए और अधिकतम 30 रुपए से 50 हुआ था, लेकिन तब कोई विरोध नहीं हुआ था.