महंगे किराए के मामले दूसरे नंबर दिल्ली मेट्रो, केजरीवाल ने बढ़े किराए पर उठाए सवाल
सेंटर फॉर साइंस ऐंड इन्वाइरनमेंट के अध्ययन के मुताबिक दिल्ली के यात्री अपनी कमाई का औसतन 14 प्रतिशत मेट्रो के सफर में खर्च करते हैं. दिल्ली मेट्रो के ऊपर सिर्फ हनोई मेट्रो है.
नई दिल्ली: दिल्ली की लाइफलाइन कही जाने वाली मेट्रो रेल को लेकर ऐसी खबर सामने आई है जिसे जानकार दिल्ली वालों को बिल्कुल खुशी नहीं होगी. सेंटर फॉर साइंस ऐंड इन्वाइरनमेंट के मुताबिक दिल्ली मेट्रो दुनिया की दूसरी सबसे ज्यादा महंगी मेट्रो सेवा है.
अग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुकाबिक सेंटर फॉर साइंस ऐंड इन्वाइरनमेंट ने यह अध्ययन लागत और कमाई पर यूबीएस रिपोर्ट के आधार पर की है. रिपोर्ट में बताया गया है कि दिल्ली में मेट्रो में एक फेरे के लिए आधे डॉलर से थोड़ा कम किराया देना पड़ता है.
रिपोर्ट के बाद केजरीवाल का हमला सेंटर फॉर साइंस ऐंड इन्वाइरनमेंट की रिपोर्ट आने के मेट्रो के बढ़े किराए को लेकर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है. केजरीवाल ने रिपोर्ट ट्वीट करते हुए लिखा, ''दिल्ली का मुख्यमंत्री होने के नाते मुझे बहुत दुख हो रहा है कि परिवहन के इतने महत्वपूर्ण साधन को आम लोगों की पहुंच से दूर कर दिया गया है. जिन्होंने ने भी मेट्रो से सफर करना छोड़ दिया है, वे अब सड़क परिवहन का इस्तेमाल कर दिल्ली के प्रदूषण में इजाफा कर रहे हैं.''
As CM of Delhi, I feel v sad that such an important means of transport has become out of reach of common man. All those who have given up metro are now contributing to Delhi’s pollution by using road based tpt pic.twitter.com/1PVim6kCJV
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) September 5, 2018
कमाई का 14 प्रतिशत किराए पर खर्च सेंटर फॉर साइंस ऐंड इन्वाइरनमेंट के अध्ययन के मुताबिक दिल्ली के यात्री अपनी कमाई का औसतन 14 प्रतिशत मेट्रो के सफर में खर्च करते हैं. दिल्ली मेट्रो के ऊपर सिर्फ हनोई मेट्रो है. रिपोर्ट के मुताबिक हनोई में यात्री अपनी कमाई का 25 प्रतिशत मेट्रो के किराए पर खर्च करते हैं.
किराया बढोतरी के बाद गटे यात्री रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली मेट्रो के किराए में बढोतरी के बाद यात्रियों की संख्या में 46 प्रतिशत तक की कमी आई है. रिपोर्ट के मुताबिक मेट्रो के 30 प्रतिशत यात्रियों की आमदनी 20 हजार रुपये है. किराए में बढोतरी के बाद रोजाना यात्रा करने वाले यात्रियों को अपनी कमाई का 19.5 प्रतिशत तक खर्च करना पड़ा रहा है. अध्ययन के मुताबिक दिल्ली की 34% जनता बेसिक नॉन-एसी बस का किराया भी नहीं दे सकती.