नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की लाइफलाइन कही जाने वाली दिल्ली मेट्रो 5 महीने के अंतराल के बाद एक बार फिर रफ्तार भरने को तैयार है. अनलॉक 4 के तहत केंद्र सरकार ने मेट्रो सेवा को शुरू करने का फैसला किया है. 7 सितंबर से दिल्ली में भी मेट्रो सेवा बहाल कर दी जाएगी लेकिन कुछ अहम बदलावों के साथ.


एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलौत ने मेट्रो संचालन को लेकर किए जा रहे बदलावों की जानकारी दी.


जानिये कैसा होगा मेट्रो का बदला हुआ सफर-


- अब टोकन से यात्रा नहीं होगी. स्मार्ट कार्ड, मेट्रो कार्ड और वन कार्ड के इस्तेमाल से होगा सफर.
- कोच में यात्रियों की संख्या निर्धारित होगी, एक सीट छोड़कर बैठ सकेंगे.
- सभी मेट्रो स्टेशन एक बार मे नहीं खोले जायेंगे, चरणबद्ध तरीके से खुलेंगे मेट्रो स्टेशन.
- कंटेन्मेंट ज़ोन में आने वाले मेट्रो स्टेशन नहीं खोले जाएंगे.
- स्टेशन में प्रवेश से पहले थर्मल स्कैनिंग की जायेगी, शरीर का तापमान ज़्यादा होने पर प्रवेश की इजाज़त नहीं होगी.
- इंटरचेंज और ज़्यादा फुटफॉल वाले स्टेशन की लिस्ट तैयार कर विस्तृत SOP जारी की जायेंगी.
- मास्क पहनना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य होगा.


दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने मेट्रो सेवा शुरू करने के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "इस बात की खुशी है कि लंबे इंतजार के बाद लोग दोबारा दिल्ली मेट्रो में सफर कर पाएंगे. बार-बार हमने अपील की है कि अगर दिल्ली की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना है तो उसमें मेट्रो की अहम भूमिका रहती है. लेकिन उसके साथ-साथ सभी लोगों से अपील भी करते करते हैं कि जिस तरह से मेट्रो में पहले सफर कर रहे थे, उस सफर में अब कुछ बदलाव करने होंगे. चाहे वो मेट्रो कोच के अंदर एक सीट छोड़कर सफर करना हो, आपस में 1 मीटर की दूरी बनाकर रखना हो, ये सब जरूरी है. मास्क पहनना 100% अनिवार्य है."


टोकन सिस्टम मेट्रो में नहीं होगा- कैलाश गहलोत


मेट्रो संचालन में इस बार सबसे बड़ा बदलाव है, टोकन का इस्तेमाल न होना. कैलाश गहलोत के मुताबिक, "टोकन सिस्टम मेट्रो में नहीं होगा. टोकन लेकर जो यात्री सफर करते थे वो अब टोकन से सफर नहीं कर पायेंगे. स्मार्ट कार्ड, मेट्रो कार्ड या वन कार्ड से ही सफर कर पाएंगे. मेरी ये भी अपील है कि लोग टोकन का इंतज़ार न करें. एयर कंडीशनिंग को भी इस तरह से एडजस्ट किया जायेगा कि स्टेशन के अंदर ताज़ी हवा की मात्रा ज्यादा रहे. कुछ अलग अलग स्टडीज हैं जो कहती हैं कि एयर कंडीशनिंग से संक्रमण फैलने का खतरा है. इन्हें ध्यान में रखते हुए सिस्टम तैयार किया जायेगा."


कंटेन्मेंट ज़ोन में आने वाले मेट्रो स्टेशन नहीं खोले जाएंगे


मेट्रो को चरणबद्ध तरीके से खोलने को लेकर कैलाश गहलोत ने बताया, "हो सकता है सारे स्टेशन, हम शुरू न कर पाएं. क्योंकि हमें क्राउड मैनेजमेंट भी करना है. कुछ स्टेशन बंद रहेंगे और उन पर ट्रेन नहीं रुकेगी. कंटेन्मेंट ज़ोन के अंदर जो भी मेट्रो स्टेशन आयेंगे वो बंद रहेंगे. जो मुख्य स्टेशन हैं, इंटरचेंज स्टेशन हैं और जहां ज़्यादा फुटफॉल रहता है उनकी एक लिस्ट तैयार की गई है. उसका दोबारा एक बार आंकलन करके लोगों को अगले 2-3 दिन में पहले से ही सूचित कर देंगे कि कौन से स्टेशन खुलेंगे और कौन से बंद रहेंगे."


कोरोना को ध्यान में रखते हुए मेट्रो में हर एक स्टेशन पर थर्मल स्कैनिंग की जायेगी और अगर किसी का तापमान ज़्यादा है तो उसको अंदर जाने की अनुमति नहीं दी जायेगी. दिल्ली के परिवहन मंत्री का कहना है कि गाइडलाइंस में ग्रेडेड फ़ेज़ का ज़िक्र किया गया है. 2-3 दिन में इन सारी चीजों पर स्पष्टता आ जायेगी कि क्या सिर्फ सरकारी एम्प्लॉयीज और आवश्यक सेवाओं वालों के लिये मेट्रो को खोला जाए कुछ आम जनता को भी अनुमति मिले, कुछ मुख्य स्टेशन हैं सिर्फ उनसे शुरू करे, इन सारी चीज़ों को लेकर एक दो दिन में स्तिथी और स्पष्ट हो जाएगी और पब्लिक को भी सूचित कर दिया जायेगा.


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