Monsoon Update: मानसून की पहली बारिश के बाद आख़िर क्यों नहीं डूबे दिल्ली के ज़्यादातर इलाके?
Delhi Water Logging: दिल्ली में बारिश के बाद जलभराव की समस्या बहुत बड़ी रही है. दिल्ली की सरकार की अगर मानें तो गुरुवार को मानसून की पहली बारिश के बाद ज्यादातर जगहों में ऐसी समस्या देखने को नहीं मिली.
Monsoon Rain: दिल्ली (Delhi) में जलजमाव (Water Logging) की समस्या से निजात पाने के लिए दिल्ली सरकार (Delhi Government) और सिविक एजेंसीज तेज़ी से काम कर रही है. इस बाबत मानसून (Monsoon) की पहली बारिश (Rain) के बाद जलजमाव की स्थिति का जायजा लेने के लिए गुरुवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodiya) ने संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक की और पहली बारिश के बाद की स्थिति का विस्तृत ब्योरा लिया.
मनीष सिसोदिया ने कहा, दिल्ली में मानसून की शुरुआत के पहले दिन गुरूवार को पूरे दिल्ली में घंटों तक भारी बारिश हुई लेकिन पीडब्ल्यूडी, एमसीडी, सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारी अलर्ट पर रहे. साथ ही पिछले एक साल में जलजमाव की समस्या से निपटने के लिए उठाएं गए क़दमों की वजह से आज दिल्लीवालों को बहुत कम जगहों पर जलजमाव की समस्या का सामना करना पड़ा. उपमुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले सालों तक 7 गंभीर जलजमाव वाले क्षेत्रों के रूप में उभर कर आने वाले स्थानों में से 6 स्थानों पर इस साल किसी भी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़ा.
इन 6 जगहों पर नहीं हुई जलभराव की समस्या
आईटीओ-WHO बिल्डिंग के सामने, मिन्टो ब्रिज, जखीरा अंडरपास, जहांगीरपुरी मेट्रो स्टेशन रोड, कराला कन्झवाला रोड, लोनी गोलचक्कर इन सभी 6 जगहों पर कई सालों से गंभीर जलजमाव होता था और लोगों को काफी परेशानी होती थी. पिछले 1 साल में उठाये गए क़दमों की वजह से और पिछले 4-5 महीनों में पीडब्ल्यूडी व अन्य एजेंसीज की कड़ी निगरानी रखते हुए जलजमाव की समस्या का समाधान निकाला. जिसकी वजह से गुरुवार को हुई भारी बारिश के बावजूद इन जगहों पर कोई समस्या उत्पन्न नहीं हुई.
पुल प्रह्लादपुर में इसलिए हुई जलभराव की समस्या
मनीष सिसोदिया ने बताया कि पुल प्रह्लादपुर जो जलजमाव के गंभीर क्षेत्र के रूप चिन्हित है, वहां भी सरकार द्वारा जलजमाव से निजात पाने के लिए पर्याप्त कदम उठाये गए थे. तो वहीं बिजली के केबल जल जाने की वजह के साथ अन्य समस्या के कारण बरसात के पहले 2 घंटे में पम्प के चलने में समस्या उत्पन्न हुई और जलजमाव हुआ जिसकी वजह से ट्रैफिक को रोकना पड़ा. लेकिन 2 घंटे बाद पम्प के दोबारा चलने के बाद पानी को निकाल दिया गया. उपमुख्यमंत्री ने पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को यहां 2 दिनों के भीतर पम्प की संख्या को तीन गुना करने के निर्देश दिए है.
कुछ जगहों को छोड़कर टेस्ट हुआ पास
आपको बता दें कि इस साल मथुरा रोड (Mathura Road) के पास बनी नई टनल के पास भी जलजमाव (Water Logging) की समस्या उत्पन्न हुई क्योंकि यहां ड्रेनज सिस्टम में कुछ समस्या आने के कारण पानी का बहाव रुक गया था. इस वजह से यहां कुछ देर तक जलजमाव की समस्या उत्पन्न हुई लेकिन यहां भी जल्द ही इस समस्या से निपटारा मिल गया. कुल मिलाकर देखें तो पिछले सालों में गंभीर जलजमाव वाले 7 क्षेत्रों में जहां जलजमाव के कारण ट्रैफिक (Traffic) रोकना पड़ता था उनमें से 6 स्थानों पर स्थिति नियंत्रण में रही व पीडब्ल्यूडी (PWD) व अन्य संबंधित विभागों के जलजमाव न होने देने के प्रयास सफल रहे और सभी विभाग अपने पहले टेस्ट में पास हुए.
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