Mundka Fire Buidling NOC: दिल्ली के मुंडका में शुक्रवार को एक बिल्डिंग में भीषण आग लगने से झुलसकर 27 लोगों की मौत हो गई. इस हादसे के बाद करीब 29 लोग लापता बताए जा रहे हैं. वहीं 12 लोग अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं. इस घटना ने देश की राजधानी में फायर सेफ्टी के लिए अपनाए जाने वाले उपायों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
जानकारी मिली है कि इमारत बनाने में लापरवाही और नियमों को ताख पर रखने के कारण यह बड़ा हादसा हुआ. इमारत के पास ना ही फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट था और ना ही एमसीडी का प्रमाण पत्र. सूत्रों के हवाले से पता चला है कि जिस जगह ये इमारत बनी हुई थी वो लाल डोरे की जमीन है, गांव की जमीन है. यहां किसी भी तरह की कमर्शियल गतिविधि की अनुमति नहीं है.
बिल्डिंग को नहीं मिला था फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट
2016 में एमसीडी ने यहां कमर्शियल लाइसेन्स दे दिया था. 2017 में किसी ने कंप्लेंट की तो MCD ने लाइसेन्स कैंसिल कर दिया था. लेकिन यहां व्यापारिक गतिविधि चलती रही. फिर 2019 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई मॉनिटरिंग कमिटी ने इस बिल्डिंग को सील करने का आदेश दिया और पेनेल्टी लगाई. MCD ने पेनेल्टी लेकर मॉनिटरिंग कमिटी को जमा कराई. मॉनिटरिंग कमिटी ने इसे डी-सील करने का कोई आदेश नहीं दिया पर फिर भी यहां व्यापारिक गतिविधि चलती रही. इस बिल्डिंग का कोई नक़्शा भी पास नहीं है. एमसीडी से इस बिल्डिंग को एनओसी नहीं मिला हुआ था. इसके बावजूद ये गैरकानूनी इमारत सालों से यहां खड़ी थी.
दिल्ली पुलिस ने FIR दर्ज कर दो लोगों को किया गिरफ्तार
इस मामले में दिल्ली पुलिस ने FIR दर्ज कर ली है. FIR आईपीसी की धारा 304/ 308/ 120b/34 के तहत दर्ज की गई है. फिलहाल पुलिस ने इस असेंबलिंग यूनिट/मैन्युफैक्चरिंग यूनिट के दो मालिकों हरीश गोयल और वरुण गोयल को गिरफ्तार किया है. दोनों ही सगे भाई हैं और कल जब हादसा हुआ था तो फैक्ट्री के अंदर मौजूद थे. वह अपने स्टाफ की मीटिंग ले रहे थे. इसके अलावा पुलिस इस बिल्डिंग के मालिक की तलाश कर रही है, जिसका नाम मनीष लाकड़ा है. मनीष इसी इमारत की तीसरी मंजिल पर परिवार के साथ रहता था.
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