Mundka Fire: दिल्ली के मुंडका में मेट्रो स्टेशन के पास में एक इमारत में शुक्रवार को भीषण आग लग गई. आग इतनी भयानक लगी जिसमें 27 लोगों की जलकर मौत हो गई और कई लोग घायल भी हैं. जिस इमारत में आग लगी वो एक 4 मंजिला है जिसका उपयोग व्यावसायिक रूप से कंपनियों को कार्यालय स्थान प्रदान करने के लिए किया जाता है. कंपनी के मालिक वरुण गोयल और हरीश गोयल को हिरासत में ले लिया गया है.
रेस्क्यू ऑपरेशन करीब 8 घंटे तक चलता रहा. आग की लपटों में लोगों की जिंदगी जलकर खाक हो गई. करीब 8 घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू तो पा लिया गया, लेकिन हैरानी की बात ये है कि इस बिल्डिंग में बिना NOC धड़ल्ले से कंपनी चल रही और प्रशासन आंखें मूंदकर बैठा रहा. हर बार की तरह इस बार भी हादसे के बाद सरकार को पता चला कि बिल्डिंग की NOC नहीं है.
पुलिस ने कंपनी मालिक गोयल बंधुओं पर शिकंजा कस लिया है और उनको गिरफ्त में लेकर पूछताछ में जुटी है, लेकिन सवाल ये है कि बार-बार मुंडका जैसी आगजनी के बाद भी सरकार और प्रशासन सबक क्यों नहीं लता है. उपहार कांड के बाद भी हमारा सिस्टम क्यों नहीं जागा. आग के दौरान जान बचाने के लिए लोग जद्दोजहद करते दिखे. स्थानीय लोगों की मदद से कई लोगों की जान बचाई जा सकी. लोग रातभर अपनों की तलाश में भटकते रहे. कोई अपनी बहन को तलाश रहा था तो कोई अपने भाई को, लेकिन किसी का कुछ पता नहीं चला.
घटना में 2 फायर फाइटर समेत 27 लोगों की मौत हो गई, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर इन मौत का जिम्मेदार कौन है. आखिर बिना NOC बिल्डिंग में कंपनी कैसे चल रही थी. देर रात आग पर काबू पा लिया गया लेकिन कूलिंग का काम जारी रहा. रातभर यहां पर काम जारी रहा. दमकल विभाग की 4 गाड़ियां मौके पर मौजूद रहीं जो लगातार इमारत पर पानी की बौछार करती रहीं. बिल्डिंग को ठंडा करने की कोशिश जा रही, क्योंकि बीच में कई बार आग की लपटें आग बुझाने के बाद भी देखी गई थी. इसके बाद लगातार उस वक्त कूलिंग का काम किया जा रहा है.
परिजनों को अपनों की तलाश
इस्माइल नाम का शख्स अपनी बहन की तलाश में घंटों भटकता रहा. रो-रोकर उसका बुरा हाल है, लेकिन देर रात तक उसकी बहन का कुछ पता नहीं चल सका. मौली नाम की एक लड़की अपनी मां के साथ बड़ी बहन की तलाश में जुटी है. उसकी बहन जिस कंपनी में आग लगी उसी में काम करती थी.
मौली अपनी मां के साथ संजय गांधी अस्पताल में अपनी बहन के जानकारी के लिए पहुंचीं. किसी ने उनकी कोई मदद नहीं की. उनकी बहन के बारे में कोई जानकारी नहीं दी. वह लगातार बोल रही हैं कि जो शव है मुझे एक बार दिखा दीजिए, लेकिन पुलिस प्रशासन का कहना है कि आप केवल गुमशुदगी का रिपोर्ट लिख दीजिए. आपको उसके बारे में जानकारी मिलेगी. मौली लगातार अपनी बहन के लिए परेशान हो रही है. मां की आंखों में आंसू है.बड़ी बहन के लिए छोटी बहन की आंखों में आंसू है. काफी ज्यादा परेशान है दोनों और मदद की गुहार लगा रहे.
अपनी मामी को ढूंढने आए एक परिजन जो पिछले 3 घंटे से लगातार अस्पतालों के चक्कर काट रहे हैं. पुलिस प्रशासन की तरफ से अस्पताल प्रशासन की तरफ से कोई मदद नहीं मिल रही है. ऐसे में परिजनों की जो सबसे बड़ी चिंता है वह यह है कि अब वह कहां गुहार लगाएं. दिल्ली के संजय गांधी हॉस्पिटल के बाहर रातभर लोगों की भारी भीड़ रही. हर कोई अपनों को तलाश रहा है. बस हर किसी को उम्मीद है कि उनके अपने मिल जाएं.
Delhi Fire: आग बुझने के बाद अब भी जारी पीड़ित परिजनों की चीख-पुकार, एबीपी न्यूज से बयां किया दर्द