(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
एक अप्रैल से खुल जाएगा दिल्ली का राष्ट्रीय प्राणी उद्यान, कोरोना महामारी के चलते एक साल से था बंद
कोरोना महामारी के चलते पिछले एक साल से दिल्ली के राष्ट्रीय प्राणी उद्यान में प्रवेश पर पाबंदी लगी थी. जनवरी में चिड़िया की एक प्रजाति में एविएन इंफ्लुएंजा का मामला सामने आने के बाद उद्यान को बर्ड फ्लू को लेकर सर्विलांस में रखा गया था.
कोरोना महामारी के चलते एक साल से बंद दिल्ली का राष्ट्रीय प्राणी उद्यान एक बार फिर से खुलने के लिए तैयार है. 1 अप्रैल से खुलने जा रहे राष्ट्रीय प्राणी उद्यान में इस बार लोगों को कोविड-19 के सुरक्षा नियमों, बेहतर सुविधा के साथ साथ जानवरों की कुछ नयी प्रजातियां भी देखने को मिलेंगी.
उद्यान के निदेशक रमेश पांडे ने बताया कि प्रबंधन ने इस एक साल के दौरान यहां का ढांचा सुधारने के साथ साथ जानवरों की नयी प्रजातियों को भी शामिल किया है. उद्यान में प्रवेश के लिए लोग ऑनलाइन या फिर प्रवेश द्वार पर QR कोड का इस्तेमाल कर टिकट बुक कर सकते हैं. लोग एक दिन के दौरान पहले से ही तय समय में उद्यान में प्रवेश कर सकेंगे.
कोरोना के साथ साथ बर्ड फ्लू को लेकर थे सचेत
निदेशक रमेश पांडे ने बताया कि "देशभर में कई जगहों पर पहले ही कई चिड़ियाघर खुल चुके हैं. इस महीने की शुरुआत में कोविड-19 को लेकर सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन में प्राणी उद्यानों को खोलने की अनुमति दी गयी थी. लेकिन हमारे पास इन मानकों को लेकर उचित प्रबंध नहीं थे साथ ही हम बर्ड फ्लू को लेकर भी सचेत थे. अब अगर सब कुछ योजना के अनुसार चलता है और कोई नए प्रतिबंध नहीं लगते हैं तो हम 1 अप्रैल से उद्यान को खोलने के लिए पूरी तरह तैयार है."
एक साल में उद्यान में हुए हैं कई बदलाव
रमेश पांडे ने बताया कि "पिछले एक साल में उद्यान में कई बदलाव हुए हैं. यहां जानवरों की संख्या बढ़कर 1200 हो गयी है जो की March 2020 में 1005 थी. साथ ही पिछले साल से जानवरों की प्रजातियां भी 83 से बढ़कर 88 हो गयी हैं. अप्रैल के अंत तक इस संख्या को 100 तक ले जाने की हमारी योजना है." अप्रैल 2020 में यहां निदेशक के पद पर नियुक्त हुए रमेश पांडे के अनुसार, "हमनें जानवरों की नयी प्रजातियों को लाने के लिए बहुत से अन्य चिड़ियाघरों से सम्पर्क किया हुआ है. आने वाले दिनों में यहां लोगों को कई नए जानवर देखने को मिलेंगे."
उन्होंने कहा कि, हमारा उद्देश्य केवल यहीं नहीं हैं कि लोग यहां जानवरों को देखने आए. वन्यजीव संरक्षण की शिक्षा भी हमारा एक उद्देश्य है. इसके लिए हम कई तरह के प्रयास कर रहे हैं.
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