(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Air Pollution: दिल्ली-एनसीआर में डीजल जनरेटर के उपयोग पर लगेगी रोक, ग्रेप का पहला चरण होगा लागू
Air Pollution in Delhi: हर साल दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण को देखते हुए ग्रेप सिस्टम लागू किया जाता है. इस साल 1 अक्टूबर से इसे लागू किया जाएगा. इस बार इसमें डीजल जनरेटर को शामिल किया गया है.
Delhi Air Pollution: अगर आप दिल्ली एनसीआर में रहते हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है. दरअसल, दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए 1 अक्टूबर से ग्रेप (ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान) का पहला चरण लागू किया जा रहा है, जिसके चलते अब डीजल जनरेटर का उपयोग नहीं किया जा सकेगा.
हर साल सितंबर के अंतिम और अक्टूबर के शुरुआती महीनों में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए कई चीजों पर प्रतिबंध लगाया जाता है. पिछले साल इंडस्ट्रियल एरिया पर प्रतिबंध लगाया गया था. इस बार इसमें डीजल जनरेटर को भी शामिल किया गया है. अब सोसाइटी में लिफ्ट चलाने और अस्पताल की मशीन में डीजल जनरेटर का उपयोग नहीं किया जा सकेगा.
बिना बिजली के नहीं चलेगी लिफ्ट
इस लेकर ग्रेटर नोएडा की एक सोसाइटी में रहने वाले डीके सिंह ने कहा, "सरकार अचानक इस तरह का फैसला ले लेती है. हम इससे निपटने के लिए बिल्कुल तैयार नहीं हैं. केवल दो दिन बचे हैं और अभी भी हम डीजल जनरेटर पर निर्भर हैं. ऐसे में सरकार को कुछ और वक्त देना चाहिए."
सोसाइटी में ही रहने वाले शंकर सिंह ने कहा, "एक नागरिक के तौर पर मैं इस फैसले का समर्थन करता हूं, लेकिन बिना लिफ्ट के 25 में फ्लोर पर जाना संभव नहीं है और 24 घंटे बिजली उपलब्ध नहीं रहती. ऐसे में सरकार को कुछ मैंडेटरी कदम उठाना चाहिए और जल्द से जल्द इसका हल निकालना चाहिए."
एक्सपर्ट ने क्या कहा?
वहीं, इस मामले को लेकर पर्यावरण से जुड़े एक्सपर्ट मनु सिंह कहते हैं कि यह एक बेहतरीन कदम है. इससे वायु प्रदूषण में कमी होगी. 3 से 5 फीसदी हवा केवल डीजल जनरेटर की वजह से प्रदूषित होती है. इस पर रोकथाम की वजह से प्रदूषण जरूर घटेगा.
उन्होंने कहा, "आने वाले दिनों में कई लाख लोगों की मौत तो केवल वायु प्रदूषण की वजह से होगी. यह सीधे फेफड़ों को असर करता है, जिसकी वजह से लोगों की मौत हो जाती है. इसे लेकर सरकार को और ठोस कदम उठाने की जरूरत है."
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