नई दिल्ली: दिल्ली एनसीआर में सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद प्रदूषण कम होने का नाम नहीं ले रहा. हवा अभी भी जहरीली बनी हुई है. सरकार से लेकर जनता सब लाचार है. दिल्ली NCR में आज भी प्रदूषण से राहत मिलने के आसार नहीं है. दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में हवा का स्तर पहले से सुधरा है लेकिन अभी पूरी तरह से निजात मिलती नजर नहीं आ रही है. राजधानी दिल्ली की बात करें तो आज सुबह एक्यूआई 283, फरीदाबाद में 219, गुरुग्राम में 244, नोएडा में 273 और गाजियाबाद में 323 एक्यूआई रिकॉर्ड दर्ज किया गया.


प्रदूषण पर सबसे बड़ी अदालत में सुप्रीम सुनवाई
राजधानी दिल्ली में प्रदूषण को लेकर कल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से दिल्ली में जगह-जगह एयर प्यूरीफायर टावर लगाने पर विचार करने को कहा है. साथ सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार की ऑड-ईवन योजना पर भी सख्त टिप्पणी की है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सिर्फ ऑड-ईवन प्रदूषण कम करने का हल नहीं है. कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों से प्रदूषण के स्थायी हल के लिए रोडमैप तैयार करने का आदेश दिया है.


सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऑड-ईवन दुनिया में जहां लागू होता है, वहां किसी को छूट नहीं दी जाती. दिल्ली में सिर्फ मिडिल क्लास लोग इससे तकलीफ उठा रहे हैं. ऑड-ईवन प्रदूषण का हल नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को आदेश दिया कि वह दिल्ली के प्रदूषण के स्थायी हल के लिए रोडमैप तैयार करें. कोर्ट ने यह भी कहा कि एक 1 हफ्ते में सभी सरकारें अब तक उठाए गए कदमों का ब्यौरा दें.


एक बार फिर हो सकता है ऑड ईवन लागू
राजधानी दिल्ली में इस समय प्रदूषण खतरनाक स्तर पर है. प्रदूषण कम करने के लिए कई उपाय भी किए गए लेकिन प्रदूषण में कोई कमी नहीं हुई. ऐसे दिल्ली की केजरीवाल सरकार एक बार फिर ऑड ईवन के बारे में सोच रही है. खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ये बात कही है. अरविंद केजरीवाल ने साफ कर दिया है कि अगर प्रदूषण में कमी नहीं देखने को मिली तो सोमवार को दिल्ली सरकार की कैबिनेट मीटिंग में एक बार फिर ऑड ईवन लागू करने का प्रस्ताव लाएंगे.


प्रदूषण: संसद की स्थाई समिति की बैठक में पहुंचे सिर्फ चार सदस्य
प्रदूषण पर सरकार का रुख कितना लचर है इसकी एक बानगी कल देखने को मिली. प्रदूषण पर संसदीय स्थाई समिति की बैठक में 29 सदस्यों में सिरअफ चार सदस्य ही बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे. इतना ही नहीं इस मामले को देख रहे कई बड़े अधिकारी बैठक में नहीं पहुंचे. संसदीय स्थाई समिति ने शहरी विकास मंत्रालय के सचिव के अलावा पर्यावरण मंत्रालय के सचिव, दिल्ली विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष और दिल्ली के तीनों नगर निगमों के आयुक्तों को भी बुलाया गया था. समिति के एक सदस्य ने बताया कि अधिकारियों के एक लचर रवैये का मसला लोकसभा अध्यक्ष के सामने उठाया जाएगा.