दिल्ली-एनसीआर के 18-44 आयु वर्ग के लोग कोविड-19 का टीका लगवाने के लिए उत्तर प्रदेश के आगरा तक की यात्रा कर रहे हैं. आगरा के मूलचंद मेडिसिटी अस्पताल में चार दिन पहले 18-44 आयु वर्ग के लोगों को टीका लगाने की शुरुआत हुई. अब तक 450 लोगों को टीके की खुराक दी जा चुकी है और इनमें से 40 प्रतिशत लोग दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, मेरठ, इटावा और मथुरा के निवासी हैं. आगरा और दिल्ली के बीच की दूरी 224 किलोमीटर है और मेरठ आगरा से 232 किलोमीटर दूर है.

मूलचंद मेडिसिटी के चिकित्सा निदेशक विभु तलवार ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, “कोविड-19 की भयावह दूसरी लहर के बाद लोगों ने टीका लगवाने के महत्व को समझा. वे इसके लिए ढाई सौ किलोमीटर दूर तक जा रहे हैं.” उन्होंने कहा, “लोग टीका लगवाने मैनपुरी, अलीगढ़, इटावा, मथुरा, दिल्ली, मेरठ, गुरुग्राम, नोएडा जैसी जगहों से आ रहे हैं. यह अच्छा संकेत है कि लोग कोविड-19 रोधी टीका लगवाने के लिए ढाई सौ किलोमीटर तक की यात्रा कर रहे हैं और इसे गंभीरता से ले रहे हैं.”


तलवार ने कहा कि अब तक अस्पताल में टीका लगवाने वालों में से 40-50 प्रतिशत लोग आगरा के बाहर के थे. प्रीति डुंगरियाल (35) और उनके पति ने कोवैक्सिन की दूसरी खुराक लेने के लिए सोमवार को नोएडा से आगरा तक की दूरी तय की. प्रीति ने कहा, “हमने आठ मई को टीके की पहली खुराक ली थी और दूसरी खुराक के लिए स्लॉट बुक करने के वास्ते पिछले तीन चार दिन से प्रयास कर रहे थे. लेकिन हमें सफलता नहीं मिली.”

डुंगरियाल ने कहा, “इसके बाद हमने देखा कि आगरा में टीके के लिए स्लॉट उपलब्ध है, तो हमने वहां जाने का फैसला किया. यह काफी सुविधाजनक रहा. सबसे महत्वपूर्ण यह है कि हमें समय पर टीके की खुराक उपलब्ध हो गयी.” इसी प्रकार पश्चिमी दिल्ली के राजौरी गार्डन के निवासी पुलकित गुप्ता (32) ने भी अपनी पत्नी के साथ आगरा जाकर टीके की दूसरी खुराक ली.


टीका लगवाने के बाद दिल्ली लौटते समय पुलकित ने कहा, ‘‘दिल्ली में टीके की दूसरी खुराक के लिए हमें स्लॉट नहीं मिल पा रहा था. इसलिए मैंने नजदीकी शहरों में स्लॉट ढूंढने की कोशिश की. आगरा दिल्ली से केवल कुछ ही घंटे की दूरी पर स्थित है. मेरा मानना है कि सही समय पर टीके की दोनों खुराक लेना अधिक महत्व रखता है.’’ इसी तरह 18 वर्ष से अधिक आयु के एक युवक ने टीके की दूसरी खुराक लगवाने के लिए दिल्ली से आगरा तक का सफर अपनी मोटरसाइकिल से ही किया.

युवक ने कहा, “दिल्ली में टीके की भारी कमी है, विशेष रूप से 18-44 आयु वर्ग के लोगों के लिए. मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि मुझे आगरा के एक अस्पताल में टीके की दूसरी खुराक मिल गयी. मेरा मानना है कि निजी अस्पतालों की ओर से टीके की एक खुराक के बदले 1800 रुपये लिए जा रहे हैं, लेकिन किसी व्यक्ति की जिंदगी के आगे ये रुपये कुछ भी नहीं हैं.”


आम आदमी पार्टी की नेता एवं विधायक आतिशी ने सोमवार को कहा था कि दिल्ली के 18-44 आयु वर्ग के लोग कोविड रोधी टीके की खुराक लेने के लिए 100 किलोमीटर का सफर तय कर शहर से बाहर जा रहे हैं, क्योंकि राजधानी में कोविशील्ड और कोवैक्सीन टीके की खुराकें उपलब्ध नहीं हैं. आतिशी ने कहा, ‘‘यह एक गंभीर चिंता का विषय है, क्योंकि 18-44 आयु वर्ग के कई लोगों को टीके की दूसरी खुराक लेने का समय काफी नजदीक आ रहा है. हमें ऐसी रिपोर्ट भी प्राप्त हुईं हैं कि दिल्ली में टीके उपलब्ध नहीं होने के कारण लोग 100 से 200 किलोमीटर का सफर तय कर मेरठ और बुलंदशहर जैसे अन्य स्थानों की ओर जा रहे हैं.’’ गौरतलब है कि केन्द्र सरकार ने कहा है कि दिल्ली में 18 से 44 आयु वर्ग के लोगों के लिए टीके की खुराकों की आपूर्ति 10 जून को की जाएगी.


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