फिर दम घोंटेगे दिल्ली-NCR? पॉल्यूशन पर SC से AQMC को कड़ी फटकार, इस बात पर जताई हैरानी
Delhi NCR Pollution Case: जस्टिस अभय एस ओक और ऑगस्टिन मसीह की बेंच ने कमीशन से सुनिश्चित करने को कहा कि किसानों को पराली नष्ट करने के लिए दी गई मशीनों का इस्तेमाल हो.
Supreme Court On Delhi-NCR Pollution: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में एक बार फिर बढ़ते प्रदूषण पर चिंता जताई है. कोर्ट ने कहा है कि प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए बनाए गए एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन ने उम्मीद के मुताबिक काम नहीं किया है. कोर्ट ने कमीशन को फटकार लगाते हुए बेहतर हलफनामा दाखिल करने कहा. गुरुवार, 3 अक्टूबर को मामले की आगे सुनवाई होगी.
मामले में कोर्ट की तरफ से नियुक्त एमिकस क्यूरी वरिष्ठ वकील अपराजिता सिंह ने कहा कि पंजाब और हरियाणा में एक बार फिर किसानों ने पराली जलाना शुरू कर दिया है. इस साल प्रदूषण की स्थिति गंभीर होने से पहले ही किसानों को पराली जलाने से रोका जाना जरूरी है. जस्टिस अभय एस ओक और ऑगस्टिन मसीह की बेंच ने कमीशन से सुनिश्चित करने को कहा कि किसानों को पराली नष्ट करने के लिए दी गई मशीनों का इस्तेमाल हो.
कमीशन की बैठकों का सुप्रीम कोर्ट ने मांगा ब्यौरा
कोर्ट ने इस बात पर हैरानी जताई कि कमीशन की सब-कमिटी की बैठक साल में सिर्फ 4 बार होती है. कोर्ट ने बैठकों का ब्यौरा मांगा. कोर्ट ने यह भी कहा कि आयोग को CAQM एक्ट की धारा 14 में प्रदूषण करने वालों पर सख्त कार्रवाई का भी अधिकार है लेकिन कमीशन ने 2021 में अपने गठन के बाद से कोई कार्रवाई नहीं की है.
जानिए सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
जस्टिस ओका ने कहा, "अधिनियम का पूर्णतया गैर-अनुपालन हुआ है. कृपया हमें अधिनियम के तहत किसी भी हितधारक को जारी किया गया एक भी निर्देश दिखाएं." इसके साथ ही उन्होंने सवाल किया कि क्या इस समस्या के समाधान के लिए कोई ठोस कदम उठाए गए हैं.
केंद्र की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) ऐश्वर्या भाटी ने एक हलफनामा पढ़ा, जिसमें संकट से निपटने के लिए सलाह और दिशा-निर्देश जारी करने जैसे कदमों की रूपरेखा दी गई. हालांकि, अदालत इन प्रयासों से प्रभावित नहीं हुई. जस्टिस ओका ने कहा, "यह सब हवा में है, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) राज्यों में क्या किया गया है, इसके बारे में उन्होंने कुछ भी नहीं दिखाया है."
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