नई दिल्ली: दिल्ली की जहरीली हवा से जनता को राहत मिलती नहीं दिख रही. शनिवार दोपहर मामूली सुधार के बाद हवा की गुणवत्ता फिर से खतरनाक स्तर पर पहुंच गई. लोगों की जिंदगी पर छाई धुंध को कम करने को लेकर सरकार दावे तो कई कर रही है लेकिन उसका असर कहीं भी दिखाई नहीं दे रहा.
दिल्लीवासी इस हवा को कई दिनों से झेलने के लिए मजबूर हैं वहीं इस मुश्किल से निजात दिलाने के सरकार के सब दावे पूरी तरह से फेल हैं. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड यानि CPCB के आंकड़ों के मुताबिक शनिवार दोपहर हवा की गुणवत्ता को खराब करने वाले तत्व पीएम 2.5 का स्तर 290 पर आ गया था जो आपात स्तर 300 से थोड़ा कम था वहीं पीएम 10 भी आपात स्तर 500 से घटकर 490 पर पहुंच गया था.
हालात फिर चिंताजनक
हवा में आए इस सुधार से लोगों ने अभी राहत की सांस ली ही थी कि एक बार फिर धुंध ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया. शनिवार दोपहर 2 बजे के बाद दिल्ली की फिजा में फिर से जहर घुलना शुरू हो गया. देर रात तक पीएम 10 का स्तर 600 के करीब पहुंच गया जबकि पीएम 2.5 का भी बढ़कर 400 अंकों के करीब पहुंच गया.
वायु गुणवत्ता का आंकलन करने वाली केंद्रीय एजेंसी सफर ने भी इस बदलाव पर चिंता जताई है. हालांकि सफर के परियोजना निदेशक गुफरान बेग को उम्मीद है कि पराली जलाने से उठे धुंए के एक-दो दिन में छंटने के बाद दिल्ली के लोगों को थोड़ी राहत मिल सकती है.
ऑड-ईवन पर यू-टर्न
इस बीच पराली को ही इस परेशानी का जिम्मेदार बताने वाली दिल्ली सरकार ने ऑड-ईवन पर यू-टर्न ले लिया है. दिल्ली सरकार शर्तों के साथ ऑड-ईवन लागू न करने के पीछे महिला सुरक्षा का हवाला दे रही है. हालांकि परिवहन से जुड़े एक्सपर्ट्स की मानें तो दिल्ली के खराब ट्रांसपोर्ट सिस्टम के चलते केजरीवाल सरकार अपने फैसले को पटलने को मजबूर हुई है.
केंद्र का आरोप है कि वायु प्रदूषण को काबू में करने के लिए केजरीवाल सरकार कोताही बरत रही है और ऑड-ईवन के नाम पर सिर्फ दिखावा कर रही है. उधर, NGT के आदेश के बाद गाजियाबाद में 65 फैक्ट्रियां बंद कराई गईं हैं, इसमें भूषण स्टील और डाबर की फैक्ट्री भी शामिल हैं.
इन कोशिशों के बीच दिल्ली के आसामान में छाई धुंध ने अब दुनिया को भी अलर्ट कर दिया है. अमेरिका की यूनाइटेड एयरलाइंस ने हवा की खराब गुणवत्ता का हवाला देकर दिल्ली की उड़ानें अस्थाई तौर पर रद्द कर दी हैं. साफ जाहिर है कि खराब हवा से आई ये मुश्किल दिनों दिन अपना दायरा बढ़ाती जा रही है वहीं सरकार के कदम अपना असर नहीं दिखा पा रहे हैं जिससे दिल्ली वालों की जान पर मुश्किल बनी हुई है.