नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर एक बार फिर प्रदूषण की मार झेल रहा है. दो दिन से दिल्ली में धुंध की चादर छाई हुई है. कल दिनभर पूरे दिल्ली-एनसीआर में धुंध की चादर छायी रही और ज्यादातर इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स  500 के पार चला गया. हालात ऐसे हैं कि स्कूलों में दो दिनों की छुट्टी घोषित कर दी गई है.


प्रदूषण फैलने के बाद स्टोन क्रशर और हॉट मिक्स प्लांट पर भी रोक लगा दी गई है. कल एनसीआर के नोएडा और ग्रेटर नोएडा में एक्यूआई 469 और 459 था. वहीं फरीदाबाद, गुरुग्राम और गाजियाबाद में एक्यूआई  436 , 450 और 468 रहा. दिल्ली-एनसीआसर में पीएम 2.5 का स्तर 300 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा. वहीं पीएम 10 का स्तर बढ़कर 506 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पर पहुंच गया. आज भी हालात कुछ ऐसे ही हैं.


नहीं रुक रहीं पराली जलाने की घटनाएं


सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी राज्य सरकार पराली जलाने से रोकने में नाकाम हैं. एक अक्टूबर से 12 नवंबर तक पंजाब में पराली जलाने के 46 हजार 211,  वहीं हरियाणा में 5 हजार 807 मामले सामने आए हैं. सरकार की वायु गुणवत्ता पर नजर रखने वाली सफर के अनुसार फिलहाल 22 प्रतिशत प्रदूषण पराली जलाने की वजह से है. आंकड़ें बताते हैं कि हरियाणा में खट्टर सरकार और पंजाब में कैप्टन अमरिंदर की सरकार हर साल की तरह इस बार भी किसानों को रोकने में नाकाम रही हैं.


सिर्फ पराली को दोष देना भी बेईमानी


दिल्ली में प्रदूषण के लिए सिर्फ पराली जलाने को ही दोष नहीं दिया जा सकता है. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के मुताबिक, दिल्ली में वाहनों से सबसे ज्यादा प्रदूषण होता है. वाहनों से होने वाले प्रदूषण 2010 का 25 फीसदी आंकड़ा 2018 में बढ़कर 41 फीसदी हो गया. वहीं उद्योगों से 18 फीसदी, धूल से 21 फीसदी प्रदषूण होता है. जबकि दूसरे कारणों से 11 फीसदी प्रदूषण होता है, जिसमें पराली भी शामिल है.


बढ़ सकता है ऑड-ईवन योजना का समय


दिल्ली में बढ़ते हुए प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली की केजरीवाल सरकार ऑड-ईवन योजना का समय बढ़ा सकती है. कल सीएम केजरीवाल ने कहा कि प्रदूषण की स्थिति का जायज़ा लिया जा रहा है, जरूरत पड़ने पर ऑड-ईवन योजना को बढ़ाया जा सकता है. प्रदूषण पर नियंत्र के लिए दिल्ली सरकार ने चार पहिया वाहनों पर चार नवंबर से ऑड-ईवन योजना लॉन्च की थी जो 15 नवंबर को खत्म होने वाली है.


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