Delhi New LG: विनय कुमार सक्सेना को दिल्ली का नया उप राज्यपाल बनाया गया
Delhi New LG: विनय कुमार सक्सेना की नियुक्ती पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली की बेहतरी के लिए उन्हें दिल्ली सरकार के मंत्रिमंडल की तरफ़ से पूर्ण सहयोग मिलेगा.
Delhi New LG: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने विनय कुमार सक्सेना को दिल्ली का नया उप राज्यपाल नियुक्त किया है. सक्सेना अनिल बैजल की जगह लेंगे. इस समय सक्सेना खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) के चेयरमैन पद पर तैनात हैं. 23 मार्च 1958 को जन्मे विनय कुमार सक्सेना कानपुर यूनिवर्सिटी के छात्र रहे हैं. उन्होंने कॉरपोरेट के साथ-साथ एनजीओ सेक्टर में काम किया है. 1984 में राजस्थान में जेके ग्रुप को ज्वाइन किया और 11 सालों तक काम किया.
नए उप-राज्यपाल का दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर स्वागत किया. उन्होंने कहा, ''दिल्ली के नवनियुक्त उपराज्यपाल महोदय श्री विनय कुमार सक्सेना जी का दिल्ली की जनता की तरफ़ से मैं हार्दिक स्वागत करता हूं. दिल्ली की बेहतरी के लिए उन्हें दिल्ली सरकार के मंत्रिमंडल की तरफ़ से पूर्ण सहयोग मिलेगा.''
सीएम केजरीवाल ने कहा, ''दिल्ली के उपराज्यपाल रहे श्री अनिल बैजल जी के साथ मिलकर दिल्ली में कई काम किए और कई समस्याओं को ठीक करने की कोशिश की. वे एक बेहद अच्छे इंसान हैं. भविष्य के लिए मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं और उनके अच्छे स्वास्थ्य और लंबी आयु की कामना करता हूं.''
दिल्ली के उपराज्यपाल रहे श्री अनिल बैजल जी के साथ मिलकर दिल्ली में कई काम किए और कई समस्याओं को ठीक करने की कोशिश की। वे एक बेहद अच्छे इंसान हैं। भविष्य के लिए मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं और उनके अच्छे स्वास्थ्य और लंबी आयु की कामना करता हूं।
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) May 23, 2022
अनिल बैजल ने निजी कारणों का हवाला देते हुए 18 मई को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के 1969 बैच के अधिकारी बैजल को नजीब जंग के अचानक इस्तीफे के बाद दिसंबर 2016 में दिल्ली के 21वें उपराज्यपाल के रूप में नियुक्त किया गया था.
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में उप राज्यपाल और केजरीवाल सरकार के बीच अक्सर टकराव की खबरें आती रही है. पिछले साल जुलाई में भी आप सरकार और उपराज्यपाल के बीच तनाव पैदा हुआ जब बैजल ने किसान आंदोलन संबंधी मामलों में पैरवी के लिए दिल्ली कैबिनेट द्वारा मंजूर वकीलों की सूची को खारिज कर दिया. वहीं डोर स्टेप डिलिवरी को लेकर भी एलजी और केजरीवाल सरकार के बीच विवाद हो चुका है.
हालांकि जुलाई 2018 में सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद उपराज्यपाल और आप सरकार के बीच तल्खी कम हुई कि दिल्ली के उपराज्यपाल दिल्ली सरकार की ‘सहायता और सलाह’ से बंधे हैं.