Delhi News: दिल्ली में बाढ़ का सबसे ज्यादा असर पूर्वी दिल्ली और उत्तरपूर्वी दिल्ली पर पड़ा है. बाढ़ और बरसात के चलते डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया जैसी बीमारियां पनपने का खतरा बढ़ गया है. फिलहाल इसका असर देखने को नहीं मिल रहा है लेकिन दिल्ली सरकार ने इन बीमारियों से निपटने के लिए तैयारी शुरू कर दी है.


इसी कड़ी में सोमवार को स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली नगर निगम के शाहदरा स्थित स्वामी दयानंद अस्पताल और खिचड़ीपुर के लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल का दौरा किया. उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि अगर राहत केंद्रों से इमरजेंसी में डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया जैसे लक्षण वाले मरीज आए तो परिसर में बने डिजास्टर मैनेजमेंट वॉर्ड में भर्ती किया जाए. साथ ही उनकी स्थिति को मॉनिटर किया जाए.


सौरभ भारद्वाज ने क्या कहा?


स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बताया कि दिल्ली में बाढ़ का सबसे ज्यादा असर पूर्वी दिल्ली और उत्तरपूर्वी दिल्ली पर पड़ा है. प्रभावित लोगों को राहत शिविरों में लाया गया है. निरीक्षण के दौरान जानकारी मिली थी कि कंजंक्टिवाइटिस (नेत्रश्लेष्मलाशोथ), स्किन एलर्जी, बुखार के मामले ज्यादातर राहत शिविरों से सामने आ रहे हैं.


उन्होंने आगे बताया कि वहीं बरसात और बाढ़ के बाद डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया जैसी वेक्टर जनित बीमारियां पनपने का भी खतरा बढ़ गया है. हालांकि वर्तमान में राहत शिविरों में ऐसे मामले देखने को नहीं मिल रहे है. फिर भी दिल्ली सरकार स्थिति पर लगातार नजर रखे है.


बनाया गया डिजास्टर मैनेजमेंट वॉर्ड


सौरभ भारद्वाज ने ये भी बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों के स्वामी दयानंद अस्पताल और लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल में वेक्टर जनित बीमारियों के मरीजों के लिए डिजास्टर मैनेजमेंट वॉर्ड बनाया गया है. पता चल सके कि राहत शिविरों में कोई नई महामारी तो नहीं फैल रही है. निरीक्षण के दौरान स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने वेक्टर जनित बीमारियों से संबंधित दवाओं के स्टॉक का भी जायजा लिया और अस्पताल प्रशासन को गंभीरता के साथ स्थिति पर नजर रखने के निर्देश दिए.


स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार की ओर से बीमारियों के खतरे को देखते हुए एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं. दिल्ली सरकार के सभी राहत शिविरों में दो डॉक्टर समेत पैरामेडिकल स्टाफ उपलब्ध है. उन्होंने कहा कि सरकार के आग्रह के बाद भी कई लोग स्कूलों या सामुदायिक केंद्र में बनें राहत शिविरों में स्थानातरित नहीं हो रहे हैं. उन्हें सरकार की तरफ से भोजन, पानी, बिजली सहित मेडिकल की सुविधा मुफ्त दी जा रहा है.


मच्छरों की निगरानी के लिए ड्रोन किए जाएंगे तैनात


सौरभ भारद्वाज ने कहा कि केजरीवाल सरकार का लक्ष्य मानसून के दौरान वेक्टर बोर्न डिजीज से निपटने की मजबूत तैयारी करना है. डेंगू पर रोकथाम के लिए सरकार की ओर से प्रयोगशालाओं में डेंगू वायरस के सीरोटाइप का निर्धारण किया जाएगा. इसके साथ ही संवेदनशील स्थानों पर मच्छरों की निगरानी और नियंत्रण के लिए ड्रोन तैनात किए जाएंगे. इससे डेंगू सहित वेक्टर बोर्न डिजीज की रोकथाम में काफी ज्यादा मदद मिलेगी.


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