Delhi Nitesh Murder: दिल्ली के शादीपुर में एक युवक की हत्या के बाद तनाव पैदा हो गया. शादीपुर (Shadipur) के रहने वाले नितेश नाम के युवक की पीट-पीट कर हत्या की गई है. युवक की हत्या (Murder) का आरोप मुस्लिम समुदाय के लड़कों पर लगा है. फिलहाल किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है. मृतक के परिवार का आरोप है कि गाली देने को लेकर झगड़ा हुआ था. उसके बाद नितेश (Nitesh) और उसके दोस्त आलोक की पिटाई की गई.


ये मामला 12 अक्टूबर का है. मारपीट के बाद घायल हुए नितेश का अस्पताल में इलाज चल रहा था. शनिवार (15 अक्टूबर) देर रात नितेश ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. जिसके बाद मृतक के परिजनों ने पटेल नगर मेट्रो स्टेशन के नजदीक रेड लाइट पर शव रखकर जाम लगाकर प्रदर्शन किया और नितेश का अंतिम संस्कार से इनकार कर दिया. परिवार की मांग है कि आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी हो. पुलिस के समझाने के बाद परिवार ने शव को बीच सड़क से हटाया और अंतिम संस्कार के लिए तैयार हुए. 


आरोपियों की पहचान हुई


आरोपियों की पहचान उफीजा, अदनान और अब्बास के रूप में हुई है. इस मामले को लेकर बीजेपी नेता और सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत उमराव ने ट्वीट किया कि दिल्ली के शादीपुर में बजरंग दल कार्यकर्ता नितेश की पीट-पीट कर हत्या की गई है. कुछ दिनों पहले सुंदर नगरी में मनीष की हत्या का आरोप भी इसी समुदाय पर था. 




मामले में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं- डीसीपी


सेंट्रल दिल्ली की डीसीपी श्वेता चौहान ने कहा कि 12 अक्टूबर को शादीपुर (Shadipur) इलाके में नितेश, आलोक और मोंटी ने बाइक पर सवार एक व्यक्ति को रोका और उसकी पिटाई शुरू कर दी. कुछ समय बाद, इन तीनों को दूसरे गुट के अन्य लोगों द्वारा पीटा गया. नितेश को गंभीर चोटें आईं थी और कल रात उसकी मौत हो गई. हत्या (Murder) का मुकदमा दर्ज कर तीनों आरोपियों की पहचान कर ली गई है. वे दूसरे समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. उन्हें पकड़ने के प्रयास जारी हैं. मामले में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है. लड़ाई किसी सांप्रदायिक कारण से नहीं हुई थी. 


पुलिस ने और क्या कहा?


पुलिस ने कहा कि घटना के फुटेज से पता चलता है कि झगड़े की शुरुआत नितेश और आलोक ने की थी. हालांकि, बाद में दूसरे पक्ष ने उन पर काबू पा लिया और उनके साथ मारपीट की. नितेश (Nitesh) और आलोक, दोनों का पुराना आपराधिक रिकॉर्ड रहा है. लड़ाई में कोई सांप्रदायिक मुद्दा नहीं था. यह संयोग ही है कि दोनों पार्टियां अलग-अलग समुदायों से ताल्लुक रखती हैं. अनुरोध है कि इसे सांप्रदायिक रंग न दें.


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