Farmers Protest: दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन के कारण मंगलवार यानी आज भी ट्रैफिक सुस्त रहा. सोमवार (2 दिसंबर) से शुरू हुए इस मार्च के दौरान महामाया फ्लाईओवर और चिल्ला बॉर्डर जैसे व्यस्त मार्गों पर वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई. बता दें कि पुलिस की ओर से लगाए गए बैरिकेड्स और सुरक्षा इंतजामों के चलते यात्रियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा.


जानकारी के मुताबिक भारतीय किसान परिषद (BKP) के नेतृत्व में यह प्रदर्शन किसानों की जमीन के उचित मुआवजे और आवंटन की मांगों को लेकर किया जा रहा है. प्रदर्शन में उत्तर प्रदेश के 20 जिलों जैसे अलीगढ़ और आगरा से सैकड़ों किसान शामिल हुए. हाथों में बैनर और झंडे लिए किसानों ने पुलिस की ओर से लगाए गए बैरिकेड्स को पार कर लिया.


पुलिस के साथ प्रदर्शनकारियों का टकराव


बताया जा रहा है कि प्रदर्शनकारी किसानों को नोएडा लिंक रोड के दलित प्रेरणा स्थल के पास रोका गया जो चिल्ला बॉर्डर से लगभग एक किलोमीटर दूर है. पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हल्की झड़प भी हुई. सीनियर पुलिस अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को शांत करने की कोशिश की और उन्हें आगे बढ़ने से रोका.


प्रदर्शन के चलते यात्रियों को हुई भारी परेशानी 


प्रदर्शन के चलते चिल्ला बॉर्डर, डीएनडी फ्लाईवे और कालिंदी कुंज जैसे मार्गों पर यातायात जाम रहा. ग्रेटर नोएडा निवासी अपराजिता सिंह ने कहा "चिल्ला बॉर्डर पर बैरिकेडिंग के कारण एक घंटे से ज्यादा का समय लग गया. दिल्ली-नोएडा के दोनों तरफ बैरिकेड्स होने के कारण भारी ट्रैफिक जाम हो गया."


यात्रियों ने लिया मेट्रो का सहारा


कई यात्रियों ने जाम से बचने के लिए मेट्रो का सहारा लिया. नोएडा निवासी अमित ठाकुर ने बताया कि "ट्रैफिक अपडेट देखने के बाद मैंने मेट्रो से सफर करना बेहतर समझा क्योंकि चिल्ला बॉर्डर पर जाम से मेरा एक घंटा बर्बाद हो सकता था."


क्या है किसानों की आगे की योजना? 


जानकारी का मुताबिक पंजाब से आए किसानों का एक और समूह 6 दिसंबर को दिल्ली की ओर मार्च करने की योजना बना रहा है. यह ग्रुप फरवरी से पंजाब और हरियाणा के सीमावर्ती इलाकों में डेरा डाले हुए है. इस प्रदर्शन में संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा (KMM) शामिल हैं.


ये भी पढ़ें: चिन्मय कृष्ण दास प्रभु के वकील रमन रॉय पर जानलेवा हमला, ICU में भर्ती, जानें उनके बारे में सबकुछ