Qatar: नौसेना के 8 पूर्व जवानों की रिहाई के प्रयासों में दिल्ली से दोहा भेजा गया था अधिकारी, जानें कितनी मिली कामयाबी
Qatar News: भारतीय नौसेना के पूर्व आठ जवानों को कतर सरकार की ओर से हिरासत में लिए जाने के 70 दिनों बाद भी उन पर लगे आरोपों के बारे में पता नहीं चल पाया है.
Ex Indian Navy Personnel in Qatari Custody: कतर सरकार की ओर से में हिरासत में लिए गए नौसेना (Indian Navy) के आठ पूर्व जवानों को छुड़ाने के लिए भारतीय दूतावास (Indian Embassy in Qatar) लगातार प्रयास कर रहा है. इन प्रयासों को जोर देने के लिए दिल्ली (Delhi) ने एक वरिष्ठ अधिकारी को दोहा (Doha) भेजा था. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारी ने अक्टूबर के अंत में दोहा की यात्रा की थी.
नौसेना के आठ पूर्व जवानों को मंगलवार (8 नवंबर) को कतर सरकार की हिरासत में 71 दिन हो गए. इसी के साथ सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री और कैबिनेट से जवानों को छुड़ाने के लिए तेजी से प्रयास करने की अपीलें बढ़ गई हैं. भारत सरकार पिछले 10 दिनों से कतर सरकार के साथ बातचीत में है लेकिन अभी तक मामले का कोई हल नहीं निकला है. पिछले हफ्ते ऐसे संकेत मिले थे कि दूसरी राजनयिक पहुंच की मंजूरी मिल गई है. पहली कांसुलर विजिट पिछले महीने हुई थी. उम्मीद जगी थी कि कुछ ही दिन में जवानों को रिहा कर दिया जाएगा लेकिन अब भी इसका इंतजार किया जा रहा है.
कतर में क्या कर रहे थे नौसेना के पूर्व जवान?
जानकारी के मुताबिक, हिरासत में लिए गए भारतीय नौसेना के पूर्व जवान दाहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीस एंड कंसल्टेंसी सर्विसेज में काम करते थे. यह कंपनी कतरी एमिरी नेवी को प्रशिक्षण दे रही थी और सैन्य तंत्र और उपकरण रखरखाव जैसी अन्य सेवाएं प्रदान कर रही थी. कतर की खुफिया एजेंसी एसएसबी ने उन्हें 30 अगस्त को हिरासत में लिया था. दोहा स्थित भारतीय दूतावास को सितंबर मध्य में उनकी गिरफ्तारियों के बारे में पता चला था.
सितंबर के आखिर में पूर्व नौसेना जवानों को अपने परिवारवालों से फोन पर बात करने की अनुमति दी गई थी. तीन अक्टूबर को उन्हें राजनियक पहुंच दी गई ताकि दूतावास से एक अधिकारी उनसे मिल सके. दूसरी कांसुलर विजिट को नवंबर के पहले हफ्ते के लिए मंजूरी दी गई. भारतीय नौसेना के पूर्व जवानों पर लगाए गए आरोपों के बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, सभी आठ लोगों को एकांत कारावास में रखा गया है, जोकि एक असामान्य सजा है. आमतौर पर सुरक्षा से संबंधित अपराधों में ऐसा किया जाता है.
विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?
भारत के विदेश मंत्रालय के मुताबिक, दोहा स्थित भारतीय दूतावास नौसेना के आठ पूर्व जवानों की रिहाई के लिए हर संभव कोशिश कर रहा है. मंत्रालय ने कहा है कि कांसुलर पहुंच मिलने के बाद सरकार ने उन लोगों का हालचाल लिया है लेकिन अब तक यह जानकारी नहीं मिल पाई है कि किस आरोप में उन्हें हिरासत में लिया गया.
MP के पूर्णेंदु तिवारी के परिवार ने क्या कहा?
हिरासत में लिए गए आठ लोगों में मध्य प्रदेश के रहने वाले पूर्णेंदु तिवारी भी शामिल हैं. पूर्णेंदु भारतीय नौसेना में कमांडर रह चुके हैं. ग्वालियर में रह रहे उनके परिवार ने मीडिया को जानकारी दी कि नौसेना के कमांडर पद से रिटायर होने के बाद पूर्णेंदु ने कतर नौसेना को ट्रेनिंग देने वाली एक कंपनी में नौकरी शुरू कर दी थी. उनके साथ ही सात और पूर्व नौसैनिकों ने काम शुरू किया था. अगस्त से उनका फोन आना बंद हो गया था. कंपनी से संपर्क साधने के बाद पता चला कि उन्हें हिरासत में लिया गया है. पूर्णेंदु के परिवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद के लिए गुहार लगाई है.