दिल्ली की सबसे पुरानी लाइब्रेरी नए रंग-रूप में आएगी नजर, मार्च में फिर से खुलने की उम्मीद
राजधानी की सबसे पुरानी हरदयाल नगर पब्लिक लाइब्रेरी एक बार फिर से खुलने वाली है. इस लाइब्रेरी की मरम्मत का चल रहा है और मार्च में इसके पूरा होने की उम्मीद है. मार्च के मध्य में इसे खोला जा सकता है. चांदनी चौक स्थित इस लाइब्रेरी की स्थापना 1862 में हुई थी.
नई दिल्ली: दिल्ली की सबसे पुरानी लाइब्रेरी जल्द ही फिर से खुलने जा रही है. उत्तर दिल्ली नगर निगम ने चांदनी चौक स्थित हरदयाल नगर पब्लिक लाइब्रेरी के पुनर्निर्माण का काम मार्च के पहले सप्ताह तक पूरा करने की समय सीमा तय की है. मार्च के मध्य में लाइब्रेरी का उद्घाटन किया जा सकता है. इस प्रोजेक्ट की घोषणा सितंबर 2019 में की गई थी, लेकिन रिनोवेशन का काम जून 2020 में शुरू हुआ था.
लाइब्रेरी की मेंबर सक्रेट्री और स्थानीय पार्षद रेखा सिन्हा के अनुसार, “रिस्टोर्रेशन की योजना बहुत पहले बनी थी लेकिन एक कई कारणों से इसमें देरी होती रही. यहां किताबें बहुत पुरानी हैं और हम उन्हें आसानी से शिफ्ट नहीं कर सकते. फरवरी में किताबों को टाउन हॉल के तीन कमरों में शिफ्ट करना था लेकिन ऐसा नहीं हो सका. अंत में हमने लाइब्रेरी की एक साइड सभी किताबों को रखने का फैसला किया और दूसरे साइड मरम्मत का काम किया.” सिन्हा के अनुसार मरम्मत का लगभग 65 फीसदी काम हो चुका है और मार्च के पहले सप्ताह तक काम पूरा हो जाएगा. मार्च में उद्घाटन के बाद यहां स्टाफ लगातार बैठने लग जाएगा.
लाइब्रेरी में 1.7 लाख से ज्यादा किताबें हरदयाल म्युनिसिपल पब्लिक लाइब्रेरी की स्थापना 1862 में की गई थी और यह लॉरेंस इंस्टीट्यूट का एक हिस्सा थी. इसका नाम भारत के तत्कालीन वायसराय के नाम पर रखा गया था. वर्तमान में इसके पास 1.7 लाख से अधिक पुस्तकों का कलेक्शन है, जिनमें से 8,000 दुर्लभ पांडुलिपियां हैं जिन्हें डिजिटाइज करने की आवश्यकता है.
वास्तुकला में नहीं किया जाएगा बदलाव एक अधिकारी के अनुसार, मरम्मत कार्य के दौरान सभी सावधानी बरती जा रही हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि ऑरिजनल हैरिटेज प्रभावित नहीं हो. अधिकारी के अनुसार इंटीरियर डिजाइन बदला जाएगा, लेकिन आउटर स्ट्रक्चर और वास्तुकला में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा.पुरानी किताबों का किया जा रहा डिजिटाइजेशन इस बीच, किताबों के संरक्षण और डिजिटाइजेशन की प्रक्रिया शुरू हो गई है. विशेष रूप से लगभग 350 हस्तलिखित किताबों डिजिटाइजेशन किया जा रहा है. निगम ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र की एक टीम को लाइब्रेरी में पुस्तकों के संरक्षण और डिजिटाइजेशन को जारी रखने के लिए कहा गया है.
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