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अध्यादेश पर क्या AAP को मिलेगा साथ और चुनाव में होगा गठबंधन, कांग्रेस की बैठक में क्या हुआ? जानें अंदर की बात
Delhi Ordinance Bill: आने वाले दिनों में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन दिल्ली के सीएम केजरीवाल को मिलने का समय दे सकते हैं. इसके साथ कांग्रेस अध्यादेश पर केजरीवाल को समर्थन भी दे सकती है.
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Lok Sabha Election 2024: दिल्ली सरकार के अधिकारों को कम करने वाले केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ देश भर में विपक्षी नेताओं का समर्थन जुटा रहे सीएम केजरीवाल को कांग्रेस का साथ भी मिल सकता है. इस मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी ने दिल्ली और पंजाब के नेताओं के साथ मंथन किया.
हालांकि, दोनों प्रदेशों के ज्यादातर कांग्रेस नेताओं ने पार्टी नेतृत्व को केजरीवाल को समर्थन नहीं देने की सलाह दी लेकिन सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में कांग्रेस अध्यक्ष खरगे 'आप' के संयोजक केजरीवाल को मिलने का समय देंगे, इसी के साथ कांग्रेस अध्यादेश पर केजरीवाल को समर्थन भी दे सकती है. कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक आम आदमी पार्टी से दिल्ली में गठबंधन का विकल्प भी खुला हुआ है.
माकन और अरविंदर लवली के मत अलग
बैठक में वरिष्ठ नेता अजय माकन ने केंद्र के अध्यादेश को जायज बताते हुए केजरीवाल का समर्थन न करने की सलाह दी, जबकि अरविंदर सिंह लवली ने इसके उलट राय दी. दिल्ली के ज्यादातर नेताओं का मानना है कि कांग्रेस को केजरीवाल का साथ नहीं देना चाहिए. पंजाब कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की भी यही राय है. फैसला कांग्रेस आलाकमान को करना है.
कांग्रेस पर सहयोगी दलों का दबाव
सूत्रों का कहना है कि अध्यादेश के मुद्दे पर कांग्रेस मोदी सरकार के समर्थन में खड़ी नजर नहीं आना चाहती. उस पर सहयोगी दलों का दबाव भी है क्योंकि नीतीश कुमार से लेकर शरद पवार तक केजरीवाल के पक्ष में हैं. सवाल है कि अध्यादेश के बाद क्या आगे कांग्रेस और आप के बीच गठबंधन की भी संभावना है? दोनों ही पार्टियों के लिए ये बेहद पेचीदा सवाल है.
पंजाब में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी आमने–सामने हैं. ऐसे में यहां की लोकसभा की तेरह सीटों पर गठबंधन होना बेहद मुश्किल है. इसके पीछे एक दलील यह भी है कि पंजाब में बीजेपी मजबूत नहीं है.
2019 के चुनाव में नहीं बनी थी बात
वहीं, दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों पर बीजेपी का कब्जा है. दिल्ली में आम आदमी पार्टी के पास विधानसभा में 70 में से 62 सीटें हैं. कांग्रेस विधानसभा चुनाव में तीसरे नंबर पर है, लेकिन लोकसभा चुनाव में दूसरे नंबर पर. पिछले लोकसभा चुनाव में भी गठबंधन की कोशिश हुई थी. कांग्रेस ने तीन अपने लिए और चार सीटों पर आप का फॉर्मूला दिया था, लेकिन दिल्ली के बदले केजरीवाल बाहर भी सीट चाहते थे जिसके लिए कांग्रेस तैयार नहीं हुई थी.
दिल्ली में विकल्प खुला
पंजाब और दिल्ली के बाहर गुजरात, गोवा जैसे राज्यों में भी केजरीवाल लोकसभा उम्मीदवार उतारेंगे. उससे पहले आम आदमी पार्टी राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव भी लड़ेगी. आम आदमी पार्टी अब राष्ट्रीय पार्टी भी बन चुकी है. जाहिर है कांग्रेस केजरीवाल को सियासी खतरे के रूप में देखती है. ऐसे में कांग्रेस और आप का राष्ट्रीय गठबंधन नामुमकिन है, लेकिन दिल्ली का विकल्प जरूर खुला हुआ है.
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