Delhi Ordinance Bill: आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सासंद राघव चड्ढा (Raghav Chadha) के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाया जा सकता है. बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी (Sudhanshu Trivedi), नरहरि अमीन (Narhari Amin) की ओर से ये विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाने पर विचार किया जा रहा है.


आरोप है कि राघव चड्ढा की ओर से दिल्ली सेवा बिल सेलेक्ट कमेटी को भेजने वाले प्रस्ताव में सुधांशु त्रिवेदी, नरहरि अमीन, थंबीदुरई, सस्मित पात्रा, नगालैंड के सांसद फांगनोन कोन्याक का नाम शामिल किया गया था. इनमें से कुछ सांसदों ने सोमवार (7 अगस्त) को सदन में कहा कि उन्होंने इसपर साइन ही नहीं किया है. संसद सदस्यों की सहमति के बिना उनका नाम लेना संसदीय विशेषाधिकार का उल्लंघन है. 


राघव चड्ढा ने क्या कुछ कहा?


इन आरोपों पर राघव चड्ढा ने कहा कि चिंता की बात नहीं है. नोटिस आने दो मैं उसका जवाब दूंगा. सांसदों के हस्ताक्षर की जरूरत नहीं होती है. हम भले ही इस बिल को संसद में रोकने में सफल न हुए हों, लेकिन हम कोर्ट में लड़ाई लड़ेंगे. सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ फिर से अरविंद केजरीवाल के पक्ष में फैसला सुनाएगी. 






अमित शाह ने की जांच की मांग


केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उपसभापति से उचित कार्रवाई करने की मांग की. राज्यसभा में अमित शाह ने कहा कि दो सदस्यों, बीजद के सांसद सस्मित पात्रा और बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा है कि उन्होंने राघव चड्ढा की ओर से पेश किए गए प्रस्ताव पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं, इस बात की जांच होनी चाहिए कि उनके हस्ताक्षर किसने किए. 


सदन में खड़े होकर सांसदों ने लगाया आरोप


अमित शाह ने कहा कि उन्होंने उस पर साइन ही नहीं किया तो साइन किसने किया? अब ये संसद में भी धोखाधड़ी हो रही है इसकी जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इस मामले को इस मामले को प्रीविलेज कमेटी के पास भेजा जाए. इस मामले को लेकर चार सदस्यों ने डिप्टी चेयरमैन के पास शिकायत भेजी है. डिप्टी चेयरमैन ने कहा है कि इसकी जांच की जाएगी. थंबीदुरई, सस्मित पात्रा और फांगनोन कोन्याक ने सदन में खड़े होकर ही बोल दिया कि हमने कोई भी मोशन मूव नहीं किया, न ही साइन किया है. 






"मेरे जाली हस्ताक्षर किए होंगे"


दिल्ली सेवा विधेयक को चयन समिति को भेजने के लिए आप सांसद की ओर से पेश किए गए प्रस्ताव पर अपने फर्जी हस्ताक्षर का आरोप लगाते हुए अन्नाद्रमुक सांसद एम. थंबीदुरई ने कहा कि मैंने विशेषाधिकार समिति का हवाला देते हुए राज्यसभा के सभापति को एक पत्र दिया है कि प्रस्ताव में मेरा नाम कैसे शामिल किया गया, क्योंकि मैंने किसी दस्तावेज पर हस्ताक्षर नहीं किए थे. इसलिए, किसी ने मेरे जाली हस्ताक्षर किए होंगे. 


सस्मित पात्रा ने क्या कहा?


बीजेडी सांसद डॉ सस्मित पात्रा ने कहा कि जिस समय सदन में प्रस्ताव पेश किए जा रहे थे, मैंने सुना कि राघव चड्ढा की ओर से पेश किए गए एक प्रस्ताव में मेरे नाम का उल्लेख किया गया था. मेरी पूर्व सहमति के बिना मेरा नाम प्रस्ताव में नहीं डाला जा सकता. मुझे उम्मीद है कि सदन के सभापति कार्रवाई करेंगे. मैंने शिकायत दे दी है. जाहिर है, यह विशेषाधिकार का मामला है. हम सभी ने अपनी-अपनी शिकायतें दर्ज कराई हैं. 


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