Amit Shah On Delhi Ordinance Bill: राज्यसभा में सोमवार (7 अगस्त) को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) के बीच तीखी नोंकझोंक देखने को मिली. अमित शाह (Amit Shah) ने राज्यसभा (Rajya Sabha) में दिल्ली में अधिकारियों की तैनाती-तबादले से जुड़े अध्यादेश वाला बिल पेश किया. ये बिल लोकसभा में गुरुवार को ही पारित हो गया था. बिल पर चर्चा के दौरान राज्यसभा में जोरदार हंगामा हो गया.
अमित शाह जब पर बिल पर भाषण दे रहे थे तो कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने उनको टोकने की कोशिश की, जिसपर शाह ने कहा कि अरे सुनिए खरगे जी, पीएम की सदस्यता बचाने के लिए बिल नहीं लाए हैं और कांग्रेस को लोकतंत्र पर बोलने का कोई अधिकार नहीं है.
अमित शाह ने सदन में क्या कहा?
दरअसल, अमित शाह ने कहा कि हम इमरजेंसी लाने के लिए संविधान में बदलाव नहीं कर रहे हैं. इस देश के पूर्व प्रधानमंत्री की सदस्यता बचाने के लिए हम ये बिल लेकर नहीं आए हैं. इमरजेंसी के दौरान तीन हजार नेताओं को जेल में डाल दिया गया था और अखबारों को अपना पेज खाली रखना पड़ा था.
मल्लिकार्जुन खरगे के साथ हुई नोंकझोंक
अमित शाह ने कहा कि ये लोग डेमोक्रेसी की बात कर रहे हैं. कांग्रेस को तो लोकतंत्र पर कुछ भी बोलने का कोई अधिकार नहीं है. अमित शाह के इतना कहने के बाद राज्यसभा में जोरदार हंगामा हुआ. मल्लिकार्जुन खरगे ने बीच में ही उन्हें टोकने की कोशिश की.
आप सरकार पर साधा निशाना
गृह मंत्री ने आगे कहा कि अध्यादेश लाए जाने की प्रक्रिया पूरी भी नहीं हुई थी कि मामला कोर्ट में था और इन्होंने ट्रांसफर चालू भी कर दिए. डायरेक्टर लेवल के अधिकारियों को कह दिया कि सीधे मुख्यमंत्री को रिपोर्ट करें. विजिलेंस और आबकारी विभाग की फाइल से छेड़छाड़ करना चाहते थे.
उन्होंने कहा कि संविधान सभा में सबसे पहला संविधान संशोधन पारित किया गया था. तब से संविधान को बदलने की प्रक्रिया चल रही है. इस बिल का उद्देश्य है कि दिल्ली में सुचारू रूप से भ्रष्टाचार मुक्त शासन हो. ये बिल शक्ति को केंद्र में लाने के लिए नहीं बल्कि केंद्र को दी हुई शक्ति पर दिल्ली यूटी की सरकार अतिक्रमण करती है, इसको वैधानिक रूप से रोकने के लिए लेकर लाए हैं.
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