Delhi Ordinance Bill: दिल्ली अध्यादेश से जुड़े बिल पर राज्यसभा में संजय राउत बोले, '...तो वो भारत माता के साथ बेईमानी करेंगे'
Delhi Services Bill In Rajya Sabha: शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने दिल्ली अध्यादेश से जुड़े विधेयक पर चर्चा के दौरान कड़े शब्दों में अपनी बात रखी.
Sanjay Raut On Delhi Ordinance Bill: संसद के मानसून सत्र के दौरान सोमवार (7 अगस्त) को राज्यसभा में केंद्र सरकार की ओर से चर्चा और पारित कराने के लिए रखे गए दिल्ली अध्यादेश से जुड़े विधेयक को लेकर शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कड़ा विरोध किया.
उच्च सदन में अपने भाषण के दौरान शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने यहां तक कहा कि जो लोग इस बिल का समर्थन करेंगे वो भारत माता के साथ बेईमानी करेंगे.
राज्यसभा में ये बोले संजय राउत
दिल्ली सेवा विधेयक पर चर्चा में अपनी बारी आने पर संजय राउत ने कहा, ''मैं इस बिल के कानूनी पहलू में नहीं जाना चाहता हूं. चिदंबरम साहब, डॉक्टर सिंघवी, देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश, सभी ने इस बारे में बात की, लेकिन मैं इतना ही कहूंगा कि आप एक बहुत ही खतरनाक बिल लेकर आए हो. इस बिल का विरोध करने के लिए मैं खड़ा हूं. जो इस बिल के समर्थन में वोट करेंगे वो भारत माता के साथ बेईमानी करेंगे, इंडिया के साथ बेईमानी करेंगे.''
संजय राउत का मोदी सरकार पर तीखा हमला
राउत ने आगे कहा, ''देश का जो फेडरल स्ट्रक्चर है, ये फेडरल स्ट्रक्चर पर सीधा हमला है, लोकतंत्र की हत्या है.'' बयान पर सदन में हंगामा हुआ तो संजय राउत ने कहा, ''देखो चार मिनट हैं, मुझे दो मिनट काफी हैं. ज्यादा आवाज वहां से मत करिए.''
'लोगों ने दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी-एलजी को वोट नहीं दिया'
संजय राउत ने आगे कहा, ''एक चुनी हुई सरकार दिल्ली में है, विधानसभा है... लोगों ने दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी को वोट नहीं दिए हैं. एलजी को वोट नहीं दिया है, एलजी नहीं जाता वोट मांगने, वोट मांगता है केजरीवाल या कोई मुख्यमंत्री या कोई सरकार, कोई नेता. आप पांच बार चुनाव हार गए, छह बार हार गए, आज भी दिल्ली की विधानसभा में आपके पांच विधायक नहीं है और इसलिए आप दिल्ली विधानसभा हो, चाहे महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु हो, आप कब्जा लेना चाहते हैं.''
बता दें कि दिल्ली में वरिष्ठ अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग से संबंधित केंद्र के अध्यादेश की जगह लेने के लिए इस विधेयक को उच्च सदन में लाया गया है. इससे पहले गुरुवार (3 अगस्त) को इसे लोकसभा में पारित किया जा चुका है.
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