Delhi Ordinance: दिल्ली के अधिकारियों की ट्रांसफर और पोस्टिंग से जुड़ा केंद्र के अध्यादेश की जगह लेने वाला विधेयक लोकसभा में अगले हफ्ते पेश किया जाएगा. केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने शुक्रवार (28 जुलाई) को आगामी सप्ताह में सदन में होने वाले कामकाज की जानकारी देते हुए इसके बारे में बताया. 


जब निचले सदन में ‘राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र सरकार (संशोधन) विधेयक’ को पेश किया जाएगा तो विवादास्पद अध्यादेश के विरोध में वैधानिक प्रस्ताव लाने के लिए विपक्ष के कई नेताओं के नोटिस पर भी विचार किया जाएगा. 


अध्यादेश किस कारण पेश किया जाएगा?
लोकसभा सचिवालय ने कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी, पार्टी सदस्य डीन कुरियाकोस, तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय, डीएमते के ए राजा और आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन समेत अनेक विपक्षी नेताओं के नोटिस स्वीकार कर लिये हैं. 


कैबिनेट ने मंगलवार (25 जुलाई) को ‘राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र सरकार (संशोधन) विधेयक’ को मंजूरी दी थी. यह 19 मई को केंद्र ते लाये गये अध्यादेश की जगह लेने के लिए पेश किया जाएगा.


दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी ने अध्यादेश का कड़ा विरोध किया है. कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल भी इस अध्यादेश के खिलाफ हैं. 


क्या हैं समीकरण?
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, बिल की मंजूरी के लिए सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को राज्यसभा में बीजू जनता दल (BJD), वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (YSR Congress Party), मनोनीत और निर्दलीय सदस्यों के समर्थन पर निर्भर रहना होगा.


लोकसभा में बीजेपी के नेतृत्व वाले NDA के पास बहुमत है. हालांकि राज्यसभा में NDA और विपक्षी INDIA आंकड़ों के ख्याल से राज्यसभा में बराबरी की स्थिति में हैं. 


राज्यसभा में NDA के 101 सांसद हैं, जबकि 26 दलों वाले इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (INDIA) को 100 सांसदों का समर्थन है. किसी भी गठबंधन में नहीं शामिल दलों के 28 सदस्य हैं. पांच सदस्य नामित हैं और तीन निर्दलीय हैं. आमतौर पर, नामित सदस्य सरकार का साथ देते हैं.


किसी भी गठबंधन का हिस्सा न होने वाले दलों के 28 सदस्यों में से भारत राष्ट्र समिति (BRS) के 7 सदस्यों के विपक्षी खेमे के साथ मतदान करने की उम्मीद है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीआरएस प्रमुख और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव से मुलाकात भी की थी, लेकिन बीआरएस विपक्षी गठबंधन INDIA में शामिल नहीं है.


नवीन पटनायक की BJD और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस के नौ-नौ सदस्य हैं और सत्तारूढ़ गठबंधन इस महत्वपूर्ण विधेयक के लिए उनके समर्थन की उम्मीद कर रहा है.


राज्यसभा में मायावती की BSP, एचडी देवेगौड़ा की जेडीएस और चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी के एक-एक सांसद हैं. ये सांसद किस तरफ मतदान करेंगे, इस पर सबकी नजर रहेगी.


अरविंद केजरीवाल के समर्थन में कौन सी पार्टी है?
अरविंद केजरीवाल की आप के साथ कांग्रेस, टीएमसी, डीएमके. बीआरएस, आरजेडी, सीपीएम, जेडीयू. शरद पवार की एनसीपी, समाजवादी पार्टी, उद्धव ठाकरे की शिवसेना, सीपीआई, जेएमएम और आरएलडी है. 


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