Congress On Delhi Ordinance: दिल्ली में लाए गए केंद्र के अध्यादेश को लेकर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी में तनातनी के बाद दोनों पार्टियों के बीच सहमति बनने के संकेत मिले हैं. कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने साफ तौर पर केंद्र सरकार के अध्यादेश का विरोध करने की बात कही है. बेंगलुरू में होने वाली विपक्षी दलों की बैठक से पहले इसे एक बड़े कदम के रूप में देखा जा रहा है.


वहीं, इस अध्यादेश को लेकर रविवार (16 जुलाई) को आम आदमी पार्टी की पीएसी की बैठक होने वाली है. जिसमें इस पर चर्चा की जाएगी. दरअसल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल केंद्र के अध्यादेश को लेकर सभी विपक्षी दलों से समर्थन मांग रहे हैं लेकिन कांग्रेस का रुख अभी तक साफ हो पा रहा था और इसी वजह से उन्होंने विपक्षी दल की अगली बैठक से किनारा करने के संकेत दिए थे.


कांग्रेस के बयान के बाद क्या?


कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कहा, “मुझे लगता है कि वे (आप) कल होने वाली बैठक में शामिल होने जा रहे हैं. जहां तक अध्यादेश की बात है तो हमारा रुख एकदम स्पष्ट है. हम इसका समर्थन नहीं करने जा रहे हैं.”


वहीं, पार्टी नेता पवन खेड़ा का कहना है, ''कांग्रेस पार्टी दिल्ली सरकार पर केंद्र के अध्यादेश का विरोध करेगी.''


वेणुगोपाल के इस बयान को आम आदमी पार्टी सांसद राघव चड्ढा ने रीट्वीट किया है और संकेत दिया कि आम आदमी पार्टी बेंगलुरु की बैठक में शामिल हो सकती है. राघव चड्ढा कहते हैं, “कांग्रेस ने दिल्ली अध्यादेश का स्पष्ट विरोध करने की घोषणा की.” हालांकि बैठक में शामिल होने को लेकर आप की तरफ से अभी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है. औपचारिक ऐलान पीएसी की बैठक के बाद किया जाएगा.


इससे पहले शनिवार (15 जुलाई) को कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि कांग्रेस पार्टी ने हमेशा राज्यों में निर्वाचित सरकारों के संघीय ढांचे पर किसी भी हमले का विरोध किया है. वो संसद के अंदर और बाहर दोनों जगह आगे भी ऐसा करना जारी रखेगी.


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